हाय रे उड़ उड़ जाए-मिर्ज़ा साहिबां १९४७
सुनते हैं गांव की प्रष्ठभूमि में फिल्माया गाया एक गीत १९४७
की फिल्म मिर्ज़ा साहिबां से. इस फिल्मे में दो संगीतकारों की
सेवाएं हैं-पंडित अमरनाथ और हुस्नलाल-भगतराम की जोड़ी की.
जो विवरण मिलते हैं उनमें ये स्पष्ट नहीं होता है कि किसने किस
गीत की धुन तैयार की है. वाद्य यन्त्र के संयोजन के हिसाब से
सोचें तो यह गीत पंडित अमरनाथ का लगता है. हम यही समझ
लेते हैं जब तक कोई ज्ञानी श्रोता इसमें करेक्शन नहीं सुझाता.
कमर जलालाबादी के बोल हैं और इसे नूरजहाँ, शमशाद बेगम
और जोहराबाई अम्बालेवाली ने गाया है. ३ गायिकाओं की
आवाज़ वाला एक दुर्लभ गीत है ये. बैलगाडी में जो सबसे ज्यादा
गोल और बड़ा चेहरा दिख रहा है वो हैं नूरजहाँ और पैदल
सवार का नाम है त्रिलोक कपूर. बाकियों को आप पहचानिये.
गीत के बोल:
हाय रे उड़ उड़ जाए हाय रे उड़ उड़ जाए
मेरा रेशमी दुपट्टवा दुपट्टवा हो हो ओ दुपट्टवा
हाय रे उड़ उड़ जाए हाय रे उड़ उड़ जाए
मेरा रेशमी दुपट्टवा दुपट्टवा हो हो ओ दुपट्टवा
हाय रे उड़ उड़ जाए
एक हवा का मीठा झोंका कह गया मीठी बात
कह गया मीठी बात
भूले से कहीं थाम ना लेना परदेसी का हाथ
हो ओ ओ परदेसी का हाथ
ये बात मुझे समझाए दुपट्टा रेशम का
ये बात मुझे समझाए दुपट्टा रेशम का
हो दुपट्टा रेशम का
हाय रे उड़ उड़ जाए हाय रे उड़ उड़ जाए
मेरा रेशमी दुपट्टवा दुपट्टवा हो हो ओ दुपट्टवा
हाय रे उड़ उड़ जाए
पीछे पीछे आने वाले हो पीछे न रे चलना
पीछे न रे चलना
डर है यूँ ही बीत ना जाए साजन समां सुहाना
साजन समां सुहाना
ये मीठा गीत सुनाये दुपट्टा रेशम का
ये मीठा गीत सुनाये दुपट्टा रेशम का
हो दुपट्टा रेशम का
हाय रे उड़ उड़ जाए हाय रे उड़ उड़ जाए
मेरा रेशमी दुपट्टवा दुपट्टवा हो हो ओ दुपट्टवा
हाय रे उड़ उड़ जाए
डूब रहा है सूरज अपने दिल में ले कर आस
हो ओ ओ दिल में ले कर आस
दूर दूर हैं दो दिल बोलो कैसे आयें पास
हो ओ ओ कैसे आयें पास
दो बिछड़े दिल मिलवाए दुपट्टा रेशम का
दो बिछड़े दिल मिलवाए दुपट्टा रेशम का
हो दुपट्टा रेशम का
हाय रे उड़ उड़ जाए हाय रे उड़ उड़ जाए
मेरा रेशमी दुपट्टवा दुपट्टवा हो हो ओ दुपट्टवा
हाय रे उड़ उड़ जाए
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Haye re ud ud jaaye-Mirza Sahiban 1947
Artists: Noorjahan, Trilok Kapoor, Unknown1, Unknown 2
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