आँख से आँख मिलाता है-लता गैर फ़िल्मी गीत
जिनमें गीत, भजन और ग़ज़ल शामिल हैं. आज आपको
पुराने समय का एक लोकप्रिय गीत सुनवाते हैं जिसे
लिखा है शकील बदायूनीं ने और इसकी तर्ज़ तैयार की
है के महावीर ने. ये एक ग़ज़ल है और इसके आखिरी
शेर में शायर का नाम आता है.
गीत के बोल:
आँख से आँख मिलाता है कोई
दिल को खींचे लिये जाता है कोई
आँख से आँख मिलाता है कोई
दिल को खींचे लिये जाता है कोई
आँख से आँख
है ये हैरत के भरी महफ़िल में
है ये हैरत के भरी महफ़िल में
मुझको तन्हा नज़र आता है कोई
आँख से आँख
चाहिये ख़ुद पे यक़ीन क़ामिल
चाहिये ख़ुद पे
चाहिये ख़ुद पे यक़ीन क़ामिल
हौसला किसका बढ़ाता है कोई
आँख से आँख
सब करिश्मात-ए-तसव्वुर है शक़ील
सब करिश्मात-ए-तसव्वुर है शक़ील
वर्ना आता है न जाता है कोई
आँख से आँख मिलाता है कोई
दिल को खींचे लिये जाता है कोई
आँख से आँख
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Aankh se aankh milata hai koi-Lata Non films song
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