दिन सुहाने ये मौसम बहार का-पूनम १९५२
भैंसें और लड़कियां आ जाया करती थीं.
सुनते हैं फिल्म पूनम से एक गीत शैलेन्द्र का लिखा
हुआ जिसे परदे पर कामिनी कौशल गा रही हैं. फिल्म
का नायक कार दुरुस्त करते करते चौंक के गाने वाली
को ढूँढने की कोशिश कर रहा है.
गीत के बोल:
दिन सुहाने
दिन सुहाने ये मौसम बहार का
दिन सुहाने ये मौसम बहार का
दिल ये चाहे मैं गाऊँ गीत प्यार का
दिल ये चाहे मैं गाऊँ गीत प्यार का
हो गीत प्यार का
दिन सुहाने
दिन सुहाने ये मौसम बहार का
ये धडकन ये मस्ती ये हलचल
ये धडकन ये मस्ती ये हलचल
ये जवानी पे खुशियों का आँचल
ये जवानी पे खुशियों का आँचल
कहना क्या जिंदगी के सिंगार का
कहना क्या जिंदगी के सिंगार का
मौसम बहार का
दिन सुहाने
दिन सुहाने ये मौसम बहार का
जी ये चाहे के अपना हो कोई
जी ये चाहे के अपना हो कोई
नींद में प्यारा सपना हो कोई
नींद में प्यारा सपना हो कोई
और मज़ा हो किसी के इंतज़ार का
और मज़ा हो किसी के इंतज़ार का
मौसम बहार का
दिन सुहाने
दिन सुहाने ये मौसम बहार का
खिल उठी दिल की खामोश कलियाँ
खिल उठी दिल की खामोश कलियाँ
जगमगाई उम्मीदों की गलियां
जगमगाई उम्मीदों की गलियां
ये मचलना दिल-ए-बेक़रार का
ये मचलना दिल-ए-बेक़रार का
मौसम बहार का
दिन सुहाने
दिन सुहाने ये मौसम बहार का
दिल ये चाहे मैं गाऊँ गीत प्यार का
दिल ये चाहे मैं गाऊँ गीत प्यार का
हो गीत प्यार का
दिन सुहाने
दिन सुहाने ये मौसम बहार का
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Din suhane ye mausam bahar ka-Poonam 1952
Artist: Kamini Kaushal
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