आये तेरे भवन दे दे अपनी शरण-माता भजन
की वाणियों में.
बोल भारत आचार्य के हैं और संगीत अमर उत्पल का.
गीत के बोल:
ओ आये तेरे भवन दे दे अपनी शरण
ओ आये तेरे भवन दे दे अपनी शरण
रहें तुझमें मगन थाम कर ये ये चरण
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
ओ आये तेरे भवन दे दे अपनी शरण
रहें तुझमें मगन थाम के ये चरण
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
उत्सव मनाएं नाचे गायें
उत्सव मनाएं नाचे गायें
चलो मैया के दर जायें
जय माता दी जय माता दी
जोर से बोलो जय माता दी
चरों दिशायें चार खम्बे बनी हैं
मंडप पे आसमान की चादर तानी है
सूरज की किरणों की माला ले आया
कुदरत ने धरती का आँगन सजाया
कर के तेरे दर्शन झूमे धरती गगन
सनन न गाये पवन सभी तुझ में मगन
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
फूलों ने रंगों से रंगोली सजाई
फूलों ने रंगों से रंगोली सजाई
सारी धरती ये महकाई
जय माता दी जय माता दी
जोर से बोलो जय माता दी
चरणों में बहती है गंगा की धारा
आरती का दीपक लगे हर एक सितारा
पुरवैया देखो चंवर कैसे झुलाये
ऋतुएं भी माता को झूला झुलाये
पा के भक्ति का तन हुआ पावन ये मन
कर के तेरा सुमिरन खुले अंतर्मन
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
ओ आये तेरे भवन दे दे अपनी शरण
रहें तुझमें मगन थाम के ये चरण
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
तन मन में भक्ति ज्योति तेरी हे माता जलती रहे
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Aaye tere bhawan-Mata Bhajan
Lyrics: Bharat Acharya
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जय माता दी
जय माता दी
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