ना मैं मांगूँ सोना-माता भजन
ने और इसकी धुन तैयार की है आनंद राज आनंद
ने. अनुराधा पौडवाल ने इसे गाया है.
गीत के बोल:
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
जीवन सदा सफल हो मेरा ऐसा वर दो दाती
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ये पाऊँ मैं ये भी पाऊँ और वो भी मिल जाये
लोभी मन की तृष्णा तो मिटे न लाख मिटाये
लोभ मोह से इस दुनिया में कोई नहीं बच पाया है
कितने जतन से मैया मैंने तेरा ध्यान लगाया है
तेरे नाम की दौलत माता पल पल मुझे लुभाती
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
तेरी ममता की शीतल छाया हो सर पे मेरे
तेरे प्यार का दीपक करे उजाला सांझ सवेरे
तेरी दया हो गर मैया मैं मोती की पहनूं माला
चोला तेरे नाम के रंग में मैया मैंने रंग डाला
तेरी भक्ति में हे मैया मगन रहूँ दिन राती
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
तीन लोक के माता भेद तू सब के दिलों के जाने
सच क्या है और झूठ है क्या माँ तू सब कुछ पहचाने
बुरे भले जैसे भी हो सब को तूने अपनाया है
इस धरती पर तेरी नज़र में कोई नहीं पराया है
युगों युगों से महिमा तेरी जग में गाई जाती
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
जीवन सदा सफल हो मेरा ऐसा वर दो दाती
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
ना मैं मांगूँ सोना ना मैं मांगूँ चांदी
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Na main mangoon sona-Mata Bhajan
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