बिन तेरे क्या जीना-गुरु २००७
एक है. रहमान के अनुसार उन्हें इस फिल्म के लिए कुछ
सूफी जैसा चाहिए था जिसके फलस्वरूप ये गाना उपजा
जिसे गुलज़ार ने लिखा है. रहमान के अनुसार इसे प्रसिद्ध
कव्वाली गायक नुसरत फतह अली खान की १० वीं बरसी
पर उन्हें समर्पित किया गया.
गुलज़ार का गीत है और चाँद की टांग इसमें भी खींची गई
है. इधर शायद पूर्णिमा के चाँद की बात हो रही है.
इसे रहमान संग चिन्मयी ने गाया है. गीत का फिल्मांकन
भी बढ़िया है
गीत के बोल:
दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दम ओ हमदम
बिन तेरे क्या जीना
दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दम ओ हमदम
बिन तेरे क्या जीना
तेरे बिना बेस्वादी बेस्वादी रतियाँ
ओ सजना
तेरे बिना बेस्वादी बेस्वादी रतियाँ
ओ सजना
हो ओ ओ रुकी रे वो रुकी रे
काटूं रे कटे ना कटे ना
तेरे बिना बेस्वादी बेस्वादी रतियाँ
ओ सजना
तेरे बिना बेस्वादी बेस्वादी रतियाँ
ओ सजना हो ओ ओ
दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दम ओ हमदम
बिन तेरे क्या जीना
दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दम ओ हमदम
बिन तेरे क्या जीना
ना जा चाकरी के मारे ना जा
सौतन पुकारे
सावन आएगा तो पूछेगा
ना जा रे
फीकी फीकी ये बेस्वादी रतियाँ
काटूं रे कटे ना कटे ना
अब तेरे बिना सजना सजना काटे कटे न
कटे न कटे न तेरे बिना
तेरे बिना बेस्वादी बेस्वादी रतियाँ
ओ सजना हो ओ ओ
दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दम ओ हमदम
बिन तेरे क्या जीना
तेरे बिना
तेरे बिना चाँद का सोना खोटा रे
पीली पीली धूल उडावे झूठा रे
तेरे बिना सोना पीतल
तेरे संग कीकर पीपल
आ जा कटे ना रतियाँ
दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दम ओ हमदम
बिन तेरे क्या जीना
तेरे बिना बेस्वादी बेस्वादी रतियाँ
सजना
तेरे बिना बेस्वादी बेस्वादी रतियाँ
ओ सजना हो ओ ओ
रुकी रे वो रुकी रे
काटूं रे कटे कटे ना
दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दर मस्त मस्त
दर दम दर दम दम ओ हमदम
बिन तेरे क्या जीना
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Bin tere kya jeena-Guru 2007
Artists: Abhishek Bachchan, Aishwarya Rai
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