ओ पालनहारे-लगान २००१
वो तो सदैव ही साथ होता है मगर उसके होने का आभास
अकेलेपन में ही सबसे अधिक होता है. उसके बिना पत्ता भी
नहीं हिलता तो बाकी सब चर्चाएँ व्यर्थ हैं और निरर्थक भी
जो उसके होने अथवा ना होने के इर्द गिर्द होती हैं.
हमें महसूस होता है जैसे हमारे साथ है और इस वजह से
विकट स्तिथियों के बावजूद ये ब्लॉग जीवित है अभी तक.
इस वैश्विक संकट की घडी में हम देवालयों के दर्शन को भी
तरस गये. अब समय है अंतर्मन से उसके दर्शन करने और
मनन का. भौतिकता कितने काम आने वाली है और नोटों
के बण्डल क्या खरीद सकते हैं इसका आभास सभी को इस
समय भली भांति हो गया होगा.
सच्चे मन से एक क्षण की भी पुकार वो झट सुनता है. बस
लगन और विश्वास पक्का होना चाहिए. किसी भी समस्या का
समाधान आवश्यक नहीं हमारे विचारों के अनुरूप हो.
सुनते हैं लगान फिल्म से एक फ़िल्मी भजन लता मंगेशकर
और उदित नारायण की आवाजों में. जावेद अख्तर के बोल हैं
और ए आर रहमान का संगीत. तुम्हई या तुमई और कौनो
शब्द बुन्देलखंडी भाषा में प्रयोग में आते हैं.
गीत के बोल:
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
तुम्हई हमका हो संभाले
तुम्हई हमरे रखवाले
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
चंदा में तुम्हई तो भरे हो चाँदनी
सूरज में उजाला तुम्हई से
ये गगन है मगन
तुम्हई तो दिये हो इसे तारे
भगवन ये जीवन
तुम्हई न सँवारोगे तो क्या कोई सँवारे
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
जो सुनो तो कहें प्रभुजी हमरी है बिनती
दुखी जन को धीरज दो हारे नहीं वो कभी दुःख से
तुम निर्बल को रक्षा दो रह पाये निर्बल सुख से
भक्ति को शक्ति दो
भक्ति को शक्ति दो
जग के जो स्वामी हो इतनी तो अरज सुनो
हैं पथ में अंधियारे दे दो वरदान में उजियारे
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे
तुम्हरे बिन हमरा कौनो नहीं
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O Palanhaare-Lagaan 2001
Artists: Gracy Singh, Aamir Khan
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