May 23, 2020

ओफ्फोह जलता है बुझता है-लकीर २००४

सन २००४ की फिल्म लकीर से एक गीत सुनते हैं जिसे
आशा भोंसले और सोनू निगम ने गाया है. आशा भोंसले
के गाने २००० के बाद सुनाई देना एक सुखद आश्चर्य के
सामान है. वैसे तो हाल ही में उनकी आवाज़ सुनाई दी
है एक गीत में अतः हमें जब तक उनकी आवाज़ सुनने
को मिल जाये धन्यवाद देते रहें उनको और उनकी सत्ता
को कायम रखने वाले को.

महबूब का गीत है और ए आर रहमान का संगीत. गीत
लेखन के मामले में महबूब सरवर का रहमान से पुराना
नाता है. रहमान ने हिंदी फिल्म संगीत में पैर ज़माने के
बाद भी अपने पुराने साथी के साथ काम करना जारी
रखा है.

कातिलाना सा गीत है जिसकी शुरुआत ऐसे होती है जैसे
ढेर सारी मधुमक्खियाँ रफ़्तार से उडी हों किसी जगह पर.
फिर क्वीन बी प्रकट होती है लाल पोशाक में. गीत जंगल
में पहुँच जाता है जहाँ दूसरा नायक प्रकट होता है. नायिका
कथानक अनुसार दूसरे नायक से प्यार करती है. पहले
नायक को नायिका से एक तरफ़ा प्यार है जिससे नायिका
अनभिज्ञ है.

फिल्म के निर्देशक एक कुशल कैमरामैन और गाना-फिल्माऊ
व्यक्ति हैं और उन्होंने इस गीत में नायिका नौहीद सायरसी
को सुन्दर दिखलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

जॉन अब्राहम सबसे पहले जैज़ी बी के गैर फ़िल्मी एल्बम सुरमा
के वीडियो में दिखलाई दिए थे दर्शकों को विज्ञापनों के अलावा.
एलबम का प्रसिद्ध गीत है-सुरमा तेरा कहर मचा रे




गीत के बोल:

तर तरा ता
ओफ्फोह जलता है बुझता है जलता है
ओ ओ कैसे
ओफ्फोह मिटता है लुटता है मिटता है
ओ ओ हमपे
फिर भी मुशक़िल मुशक़िल ये दिल पाना
सुन ले

हे सेहराओं से भी गुज़रूँ
दरियाओं से भी उभरूँ ऊ ऊ ओ
हे सेहराओं से भी गुज़रूँ
दरियाओं से भी उभरूँ
तेरे लिये मैं गहरी वादी भी चूम लूँ

सेहरा में गुल ना खिलेगा
दरिया में दिया ना जलेगा
दीवाने वादियों में दिल ना मिलेगा
ओफ्फोह ओ जल गया

तर तरा ता

एक परछाईं जैसी हूँ मैं
सूरज ढलते ही छुप जाऊँ तो
अँधेरा छा जायेगा आ आ आ आ

शोला जुनूं का आँखों में
रोशन दिल रातों में
फिर अँधेरा भी क्या कर पायेगा

ज़िद करना है रीत तेरी
नाज़ुक प्रीत मेरी
रोक भी ले ख़ुद को
जीने भी दे मुझको

बस जा मेरी साँसों में
जी ले आ मेरी बाँहों में
हाय जल गया जल गया जल गया जल गया

ओफ्फोह जलता है बुझता है जलता है
ओ ओ कैसे

ओफ्फोह जल गया मिट गया लुट गया
ओफ्फोह तुमपे

सेहरा में गुल ना खिलेगा
दरिया में दिया ना जलेगा
दीवाने वादियों में दिल ना मिलेगा

साँसों से ख़ुशबू उठने लगी
बाँहों में जब तू सजने लगी
तो देखे जहाँ
फिर ज़मीं आसमाँ क्या

शरम से आँखें झुकने लगीं
मुझसे कुछ ये कहने लगीं
के ये क्या हो गया
कैसे बदला इरादा आ आ

आख़िर दिल मजबूर हुआ
मेरे इश्क़ में चूर हुआ
मुझपे असर था तेरा
तुझपे है साया अब मेरा

दूर अगर मैं जाऊँ तो
फिर बन जाये तू सूरज वो
जो जलता है बुझता है
जलता है बुझता है
ओफ्फोह

ओफ्फोह जलता है
ओफ्फोह जल गया जल गया
ओफ्फोह ओफ्फोह
ओफ्फोह जल गया
जलता है
मिट गया मिट गया मिट गया मिट गया
मिट गया मिट गया मिट गया
ओफ्फोह जल गया
………………………………………………
Offoh jal gaya-Lakeer 2004

Artists: Nauheed Cyrusi, Sohail Khan, John Abraham

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