सारी सारी रात-खिलाडी ७८६
एक शांत सा गीत भी है जिसे सुन के कभी कभी लगता है
फिल्म के कथानक में गलती से तो नहीं फिट कर दिया गया.
या हो सकता है हिमेश रेशमिया को शांत संगीत सुनने वालों
की एकदम से याद आ गई.
हिमेश रेशमिया का संगीत संसार समृद्ध अवश्य है मगर समय
के साथ उन्होंने जो बदलाव किये वो २००० तक का संगीत सुनने
वालों के लिए झटके सरीखे थे. सबसे पहले तो स्पेशल आवाज़
जिसने कईयों का सर
व्यावहारिकता तो यही कहती है समय के साथ चलो वरना हाशिए
पर चले जाओगे. आज की पीढ़ी उनके गीत पसंद करती है और
उनकी गायकी की स्टाइल को भी अतः जो सामने है और दिख
रहा है उसे खारिज नहीं किया जा सकता.
शब्बीर अहमद का लिखा गीत है जिसे हिमेश रशामिया ने खुद
गाया है. गीत में जो संगीत बीच में चल रहा है उससे किसी
विलायती गाने की अधूरी सी याद आ रही है. बादाम खाने के
बाद जैसे ही दिमाग के लट्टू जलेंगे आपको बतलायेंगे वो क्या
है. ये तो तय है वो टायटनिक के गाने वाला संगीत नहीं है.
गीत के बोल:
जो तैनू वेखिया सांसें गई थम
सारी सारी रात सोये ना हम
सारी सारी रात सोये ना हम
जो तैनू वेखिया सांसें गई थम
सारी सारी रात सोये ना हम
सारी सारी रात सोये ना हम
पलकां दी छावां ठंडी हवावां
मैं मांगू दुआवां
पलकां दी छावां ठंडी हवावां
मैं मांगू दुआवां ओ रब्बा वे
सारी सारी रात सोये ना हम
सारी सारी रात सोये ना हम
जो तैनू वेखिया सांसें गई थम
सारी सारी रात सोये ना हम
इक पल में दिल ये बेताबियों को
हाल-ए-तमन्ना कैसे बताएं
सौ अफ़साने हैं सौ-सौ बातें हैं
जान-ए-तमन्ना कैसे सुनायें
पहली मुलाक़ात पहली बात
पहली बारिश की फ़रियाद …
सारी सारी रात सोये ना हम
सारी सारी रात सोये ना हम
जो तैनू वेखिया सांसें गई थम
सारी सारी रात सोये ना हम
गीली सियाही से कोरे कागज़ पर
नाम तेरा हम लिखा करते थे
फुरक़त में हम यूँ अक्सर बैठ कर
चारों दीवारों को देखा करते थे
तुम हो सहारा तुम हो वफ़ा
मेरे लबों की तुम हो दुआ
सारी सारी रात सोये ना हम
सारी सारी रात सोये ना हम
जो तैनू वेखिया सांसें गई थम
सारी सारी रात सोये ना हम
सारी सारी रात सोये ना हम
सारी सारी रात
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Saari saari raat-Khiladi 786
Artist: Akshay Kumar
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