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Jun 1, 2020

दिल मेरा तोड़ दिया-कसूर २००१

सन २००० की फिल्म कसूर से अगला गीत सुनते हैं जिसे
समीर ने लिखा है. इसे अलका याग्निक ने नदीम श्रवण की
धुन पर गाया है.

अफताब शिवदासानी के बारे में हम बात कर रहे थे पिछली
पोस्ट में. मस्त फिल्म में आने के पूर्व वे बाल कलाकार के
रूप में मिस्टर इण्डिया, शहंशाह, चालबाज़, अव्वल नंबर,
सी आई डी और इंसानियत में दिख चुके थे.

फेरेक्स बेबी का खिताब वे १४ महीने की उम्र में ही जीत चुके
थे. ये बच्चों के फ़ूड सप्लीमेंट के तौर पर उपयोग में लाया
जाता है. बच्चे उस जामाने में भी क्यूट थे विज्ञापन वाले और
आज भी क्यूट लगते हैं. अंकल चिप्स के विज्ञापन में में एक
बहुत छोटा बच्चा होता था.

फिल्म की अभिनेत्री लिसा रे मिस इंडिया रह चुकी हैं. तमिल
फिल्म नेताजी से अपने फ़िल्मी कैरियर को शुरू करने वाली
सुंदरी लिसा रे एक फिल्म में और दिखीं २००२ में उसके बाद
वे एक्टिंग सीखने लन्दन पहुँच गयीं और फिल्मों से लंबे समय
दूर रहीं. उसके बाद वो दीपा मेहता की वाटर में दिखलाई दीं.

प्रस्तुत गीत की पहली पंक्ति पद्य कम और गद्य ज़्यादा लगती है.
केवल उसने शब्द आप सबसे पहले ले आइये और ये बन गया
वाक्य. अपने समय का काफी सुना गया गीत है ये. यूँ कहें इस
फिल्म के लगभग सारे गीत ही सुने गए हैं.





गीत के बोल:

दिल मेरा तोड़ दिया उसने बुरा क्यूं मानूं
दिल मेरा तोड़ दिया उसने बुरा क्यूं मानूं
उसको हक़ है वो मुझे प्यार करे या ना करे
दिल मेरा तोड़ दिया उसने बुरा क्यूं मानूं

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Dil mera tod diya-Kasoor 2001

Artists: Lisa Ray, Aftab Shivdasani

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May 28, 2020

कितनी बेचैन हो के-क़सूर २००१

जब भी कहीं किसी ढाबे में या टी वी के विज्ञापन में कसूरी
मेथी का जिक्र आता है तब ये प्रश्न ज़रूर उठता है मन में
कि बेचारी मेथी ने ऐसा क्या कसूर किया कि उसके नाम के
साथ कसूरी जुड़ गया.

कसूरी मेथी अपने स्वाद और खुशबू के लिए जानी जाती है.
इसकी सर्वाधिक पैदावार राजस्थान के नागौर जिले में होती है.
नागौर जिला एक और बात के लिए फेमस है-अच्छी क्वालिटी
के सांड.

आज एक गीत सुनेंगे महेश भट्ट निर्देशित फिल्म कसूर से
जिसमें आफ़ताब शिवदासानी और लिसा रे प्रमुख कलाकार हैं.
लिसा रे की या पदार्पण फिल्म है और आफ़ताब की दूसरी.
आफ़ताब इसके पहले बॉलीवुड की छः फिल्मों में दिख चुके थे
बतौर बाल या युवा कलाकार. मस्त नायक के रूप में उनकी
पहली फिल्म है.

फ़िल्मी क्रिटिक्स कुछ भी कहते रहें सितारों के अभिनय के
बारे में, मेरा ये मानना है समय और अनुभव के हिसाब से
नायक और नायिका ने जो भी किया है वो निर्देशक के निर्देशों
का कम से कम ७० प्रतिशत पालन तो है ही. महेश भट्ट जो
हैं वो चुप खड़ी मूर्ती से भी अच्छा अभिनय करवा लिया करते हैं.

अफताब शिवदासानी ने रामगोपाल वर्मा की फिल्म मस्त में
नायक का रोल किया है. कसूर में वे एंटी-हीरो हैं. ये शब्द शायद
फिल्म बाजीगर के बाद मैंने सुना है. शाहरुख खान नकारात्मक
भूमिकाओं में ज्यादा आये हैं अपनी शुरूआती फिल्मों में.

लिसा रे अपनी पहली फिल्म के हिसाब से बेहतर हैं. उनके लिए
मशहूर अभिनेत्री और इस फिल्म की स्टारकास्ट की सदस्य
दिव्या दत्ता ने डबिंग की है, वजह थी लिसा रे का हिंदी उच्चारण
लिसा रे को उस समय हिंदी नहीं आती थी. आज भी आती है
या नहीं मालूम नहीं.

सन २००१ की फिल्म कसूर हॉलीवुड की १९८५ रिलीज़ फिल्म
जैग्ड एज का देसी संस्करण है सिवाय इसके अंत के जो किसी
और फिल्म के अंत से मिलता जुलता है.

सुनते हैं इस फिल्म का सबसे लोकप्रिय गीत समीर का लिखा
हुआ और नदीम श्रवण द्वारा संगीतबद्ध. इस गीत को गवाया गया
है अलका याग्निक और उदित नारायण से.

नदीम श्रवण ने टी सीरीज़ के साथ काफी लोकप्रिय एल्बम निकाले
उसके बाद टिप्स ब्रांड के अंतर्गत उनकी फिल्मों के एल्बम निकले.
सारेगामा के साथ शायद ये उनका पहला ऐसा एल्बम है जो काफ़ी
लोकप्रिय है और जिसकी बिक्री बेहिसाब हुई.



गीत के बोल:

कितनी बेचैन हो के तुमसे मिली
.
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Kitni bechain ho ke-Kasoor 2001

Artists: Lisa Ray, Aftab Shivdasani

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