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May 13, 2018

जब छाए कभी सावन की घटा-रेशमी रुमाल १९६१

फिल्म रेशमी रुमाल से एक रेशमी धुन सुनते हैं. मधुरता
यत्र तत्र बिखरी हुई है संगीत के खजाने में बस उसे खोज
कर आनंद लेने की ज़रूरत है.

राजा मेहँदी अली खान का लिखा हुआ गीत है जिसकी धुन
तैयार की है बाबुल ने.





गीत के बोल:

जब छाए कभी सावन की घटा
रो रो के न करना याद मुझे
ऐ जान-ए-तमन्ना गम तेरा
कर दे ना कही बरबाद मुझे
जब छाए कभी सावन की घटा

जो मस्त बहारें आई थी
वो रूठ गई उस गुलशन से
जो मस्त बहारें आई थी
वो रूठ गई उस गुलशन से
जिस गुलशन में दो दिन के लिए
किस्मत ने किया आबाद मुझे

जब छाए कभी सावन की घटा

वो राही हूँ पल भर के लिए
जो जुल्फ के सायें में ठहरा
वो राही हूँ पल भर के लिए
जो जुल्फ के सायें में ठहरा
अब ले के चली है दूर कहीं
ऐ इश्क तेरी बेदाद मुझे

जब छाए कभी सावन की घटा

ऐ याद-ए-सनम अब लौट भी जा
क्यूँ आ गई तू समझाने को
ऐ याद-ए-सनम अब लौट भी जा
क्यूँ आ गई तू समझाने को
मुझको मेरा गम काफ़ी है
तू और न कर नाशाद मुझे

जब छाए कभी सावन की घटा
रो रो के न करना याद मुझे
ऐ जान-ए-तमन्ना गम तेरा
कर दे ना कही बरबाद मुझे
जब छाए कभी सावन की घटा
…………………………………………………………..
Jab chhaye kabhi sawan ki ghata-Reshmi Rumal 1961

Artists: Manoj Kumar, Shakeela

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Apr 9, 2018

गर्दिश में हों तारे-रेशमी रुमाल १९६१

फिल्म रेशमी रुमाल से एक रेशमी सी धुन सुनते हैं.
गीत मुकेश ने गाया है. राजा मेहँदी अली खान के बोल
हैं और बाबुल का संगीत. संगीतकार बाबुल वही हैं
बिपिन बाबुल की जोड़ी वाले.

फिल्म रेशमी रुमाल में कुछ कर्णप्रिय गीत हैं. इस
फिल्म में मनोज कुमार और शकीला प्रमुख कलाकार
हैं.



गीत के बोल:

गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे

मुझको मेरी आशा देती है दिलासा
मुझको मेरी आशा देती है दिलासा
आयेंगी बहारें चली जाएगी ख़िज़ा
हो आस्मां ये नीला नीला करे है इशारे

गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
दुनिया है सराय रहने तो कह्म आए
दुनिया है सराय रहने तो कह्म आए
आया है तो हँसी-खुशी रह ले तू यहाँ
हो सूरमा है ज़िंदगी जो काँटों में गुज़ारे

गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे

बाज़ुओं में दम है फिर काहे का ग़म है
बाज़ुओं में दम है फिर काहे का ग़म है
आहनी इरादे हैं उमंगें हैं जवां
हो मुश्किलें कहाँ हैं उम्हें मेरा दिल पुकारे

गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
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Gardish mein hon tare-Reshmi Rumaal 1961

Artist: Manoj Kumar

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