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Jun 24, 2011

लोग कहते हैं तो सच ही-ये दिल किसको दूं १९६३

आपको एक माउथ ओर्गनिया और उछलकूदियाना गीत
सुनवाते हैं। जिस गीत की शुरुआत ऐसी उछल कूद से होती
है उसके लिए कोई उपयुक्त श्रेणी मुझे समझ नहीं आती। माउथ
ओरगन अर्थात मुंह से बजाय जाने वाला बाजा। मुंह से वैसे
तो कई चीज़ें बजायी जाती हैं और बजायी जा सकती हैं मगर
सबसे सोबर किस्म का नाम इसी बाजे का है जिसको माउथ
ओरगन कहा जाता है।

गाँव देहात में कभी इस बाजे के लिए एक शब्द भी सुना था
मैंने-विलायती पुंगी। तो आइये इस विलायती पुंगी की आवाज़
का आनंद उठाया जाये। फिल्म का शीषक गीत कह सकते हैं
आप से क्यूंकि फिल्म के नाम के उच्चारण से ही ये गीत
शुरू हो रहा है। गीत तेज़ गति वाला है और याहू-चाहे कोई
मुझे जंगली कहे की याद दिलाता है। उस गीत में शम्मी हैं
तो इस गीत में शशि।



गीत के बोल:

ये दिल किसको दूं
ये दिल किसको दूं
लोग कहते हैं कोई सच ही कहते होंगे
लोग कहते हैं तो सच ही कहते होंगे
मैं हूँ दीवाना, दिल है मस्ताना
गम से बेगाना
मैं हूँ दीवाना, दिल है मस्ताना
गम से बेगाना
लोग कहते हैं तो सच ही कहते होंगे
लोग कहते हैं तो सच ही कहते होंगे

धरती बिछौना मेरा
तारे खिलौना मेरा
राहों में उड़ते जुगनू
चंडी और सोना मेरा
मैं दिलवाला हूँ
मैं मतवाला हूँ
ना मैं दौलतमंद हूँ
ना मैं जन्नतमंद हूँ
दिल का करार मांगूं रे
मैं सच्चा प्यार मांगूं रे
दिल का करार मांगूं रे
मैं सच्चा प्यार मांगूं रे

ये दिल किसको दूं
ये दिल किसको दूं

लोग कहते हैं कोई सच ही कहते होंगे
लोग कहते हैं तो सच ही कहते होंगे
मैं हूँ दीवाना, दिल है मस्ताना
गम से बेगाना
मैं हूँ दीवाना, दिल है मस्ताना
गम से बेगाना
लोग कहते हैं तो सच ही कहते होंगे

मस्त कलंदर हूँ मैं
दिल का सिकंदर हूँ मैं
कोई ना समझे मुझको
गहरा समुन्दर हूँ मैं
मैं शहजादा हूँ
मैं शहजादा हूँ
यूँ तो सादा हूँ
ना है शैतान से रिश्ता ना मैं हूँ फ़रिश्ता
मैं तो आदम का बेटा हूँ
मैं तो हव्वा का बेटा हूँ
मैं तो आदम का बेटा हूँ
मैं तो हव्वा का बेटा हूँ

ये दिल किसको दूं
ये दिल किसको दूं

लोग कहते हैं कोई सच ही कहते होंगे
लोग कहते हैं तो सच ही कहते होंगे
मैं हूँ दीवाना, दिल है मस्ताना
गम से बेगाना
मैं हूँ दीवाना, दिल है मस्ताना
गम से बेगाना
लोग कहते हैं तो सच ही कहते होंगे
.............................
Log kehte hain to sach hi-Ye dil kisko doon 1963

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Sep 29, 2009

फ़िर आने लगा याद-ये दिल किसको दूँ १९६३

आइये थोड़ा श्वेत श्याम के ज़माने की ओर चला जाए।
एक रफी और उषा खन्ना का गाया हुआ मधुर युगल गीत
आपके लिए प्रस्तुत है। इसमे शशि कपूर और रागिनी
परदे पर दिखाई देंगे। प्याले में नायिका की छबि उभर आती है और
हीरो चहक कर गाने लगता है- फ़िर आने लगा याद वही......
इस गाने के संगीतकार हैं इक़बाल कुरैशी।



गाने के बोल:

फ़िर आने लगा याद वही प्यार का आलम
इंकार का आलम कभी इकरार का आलम
फिर आने लगा याद वोही प्यार का आलम

प्यार का आलम

वो पहली मुलाक़ात में
वो पहली मुलाक़ात में
वो पहली मुलाक़ात में रंगीन इशारे
फिर बातों ही बातों में वो तकरार का आलम

फ़िर आने लगा याद वही प्यार का आलम
प्यार का आलम

वो झूमता बलखाता
वो झूमता बलखाता
वो झूमता बलखाता हुआ सर्व-ए-खरामां
मैं कैसे भुला दूँ तेरी रफ़तार का आलम

फ़िर आने लगा याद वही प्यार का आलम
प्यार का आलम

कब आये थे वो कब गये
कब आये थे वो कब गये, कुछ याद नहीं है
आँखों में बसा है वोही दीदार का आलम

फ़िर आने लगा याद वही प्यार का आलम
इंकार का आलम कभी इक़रार का आलम
प्यार का आलम

प्यार का आलम
प्यार का आलम
हाय प्यार का आलम

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