तेरा आना भी धोखा था-मेरे अरमान मेरे सपने १९६३
धुन है एन. दत्ता की जिनको हम नारायण दत्ता के नाम से नहीं जानते हैं।
उनका पूरा नाम है-दत्ताराम बाबूराव नायक. नारायण दत्ता एक अलग
शख्सियत का नाम है.
गीत के बोल हैं राजेंद्र कृष्ण की। गीत जितना मधुर है उसको प्रसिद्धि
उतनी नहीं मिली। इसकी खासियत है इसको एक बार सुनकर आपकी
दोबारा सुनने की इच्छा अवश्य होगी। ये ऐसी धुन है जो संगीतकार
के खजाने से अनायास निकल आती है। ऐसे गीतों को हम क्लासिक
या समय के बंधन से मुक्त नगमे कहते हैं। सरल सी सुनाई पढ़ती धुन
मर्म पर गहरी चोट करती है । नायिका की भावनाएं व्यक्त करता पुरुष
आवाज़ का गीत अनूठा है । नायिका हैं कुमारी नाज़ जो ठीक-ठाक भाव
प्रदर्शित कर पा रही हैं।
गीत के बोल:
तेरा आना भी धोखा था
तेरा आना भी धोखा था
तेरा जाना भी धोखा है
मेरा दिल तो ना मानेगा
जो इन आँखों ने देखा है
तेरा आना भी धोखा था
तुझे पाकर हर एक शय की
तमन्ना छोड़ बैठे थे
हमें अब ये ना समझाना
मोहब्बत एक तमाशा है
मोहब्बत एक तमाशा है
जो इन आँखों ने देखा है
तेरा आना भी धोखा था
तेरा जाना भी धोखा है
मेरा दिल तो ना मानेगा
जो इन आँखों ने देखा है
तेरा आना भी धोखा था
जो दिल मेरा नहीं बदला
नज़र तेरी भी क्यूँ बदले
मगर दुनिया तो ये कहती है
यहाँ ऐसा भी होता है
यहाँ ऐसा भी होता है
जो इन आँखों ने देखा है
तेरा आना भी धोखा था
तेरा जाना भी धोखा है
मेरा दिल तो ना मानेगा
जो इन आँखों ने देखा है
तेरा आना भी धोखा था
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Tera aana bhi dhokha tha-Mere armaan mere sapne 1963
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