मैं कौन हूँ क्या हूँ-मिस माला १९५४
किशोर कुमार के कैरिअर की शुरुआती फिल्मों में से एक है मिस माला ।
५० के दशक में बहुत से अभिनेता ऐसे हुआ करते थे जो पार्श्व गायन भी
करते थे। अधिकतर ऐसे थे जिनका या तो गायन बढ़िया था या अभिनय।
दोनों पक्षों पर पकड़ रखने वाले अभिनेता इक्का दुक्का ही हुए। १९५१ में
आई छम छमा छम से किशोर का अभिनय जनता को देखने को मिला ।
इस फ़िल्म का निर्देशन प्यारेलाल संतोषी ने किया था। अशोक कुमार एक
सफल गायक अभिनेता थे और शायद अपने भाई को भी एक अभिनेता के
रूप में देखना चाहते थे। किशोर का अभिनय का सफर शुरू हुआ १९५१ की
फ़िल्म आन्दोलन से।
१९५४ में एक फ़िल्म आई मिस माला, जिसमे उदयीमान अभिनेत्री
वैजयंतीमाला के साथ उनकी जोड़ी दिखाई दी। ये जोड़ी बाद में और भी
फिल्मों में आई जिनका जिक्र आगे होगा। ये फ़िल्म दुर्लभ फिल्मों की श्रेणी
में आती है, वजह इसका विडियो उपलब्ध न होना। अब गीत देखिये जो
राजा मेहँदी अली खान का लिखा हुआ है और इसका संगीत बनाया है चित्रगुप्त ने।
गाने के बोल:
मैं कौन हूँ क्या हूँ, कहाँ खोया जहाँ मेरा
मंजिल कहाँ मेरी, गुलशन कहाँ मेरा
क्या थी मेरी दुनिया, नहीं ये भी पता मुझको
क्या थी मेरी दुनिया, नहीं ये भी पता मुझको
सूनी हुई महफ़िल, न जाने क्या हुआ मुझको
सूनी हुई महफ़िल, न जाने क्या हुआ मुझको
मिलता नहीं आखिर , क्यूँ आशियाना मेरा
मैं कौन हूँ क्या हूँ, कहाँ खोया जह्हं मेरा
मंजिल कहाँ मेरी, गुलशन कहाँ मेरा
ऐ दिल सुना मुझको, मेरे अश्कों का अफसाना
ऐ दिल सुना मुझको, मेरे अश्कों का अफसाना
मंजिल है ये कैसी, कोई अपना न बेगाना
मंजिल है ये कैसी, कोई अपना न बेगाना
अब ढूंढ कर ला दे, तू कारवां मेरा
मैं कौन हूँ क्या हूँ, कहाँ खोया जहाँ मेरा
मंजिल कहाँ मेरी, गुलशन कहाँ मेरा
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