मैं बन का पंछी-अछूत कन्या १९३६
देविका रानी की मुख्या भूमिकाओं वाली इस फ़िल्म में एक बहुत
लोकप्रिय गीत है-मैं बन का पंछी । इस गीत को स्वयं देविका रानी
और अशोक कुमार ने गाया है। संगीत है सरस्वती देवी का और
इसके बोल जे एस कश्यप के लिखे हुए हैं। पुराने गीतों के प्रेमियों ने
ये ज़रूर सुना होगा।
इसको ज्यादा प्रसिद्धि दूरदर्शन के कार्यक्रमों ने दिलाई जिसमे इस गाने
के अंश समय समय पर दिखाए जाते रहे। एक बार ये फ़िल्म दूरदर्शन
द्वारा दिखाई भी गई और बस वही एक मौका था जब मैंने भी इस फ़िल्म
को देखा।
सरस्वती देवी उर्फ़ "खुर्शीद मंचेर्षर मिनोचर होमजी " की ये बतौर संगीत
निर्देशक दूसरी फ़िल्म थी। उनकी पहली फ़िल्म थी-"जवानी की हवा" जो
सन १९३५ में आई थी। इस गीत का एक रिकॉर्ड ज़ारी हुआ जिसमे कोई
गीत नहीं था, केवल फ़िल्म का संगीत था। इस फ़िल्म में भी देविका रानी
नायिका की भूमिका में थीं। अतः, अछूत कन्या के गीतों के माध्यम से ही
उनको प्रसिद्धि मिली
गाने के बोल:
मैं बन की चिड़िया बन के बन बन बोलूं रे
मैं बन का पन्छी बन के संग संग डोलूं रे
मैं बन की चिड़िया बन के बन बन बोलूं रे
मैं बन का पन्छी बन के संग संग डोलूं रे
मैं डाल डाल उड़ जाऊँ
नहीं पकड़ाई मैं आऊँ
मैं डाल डाल उड़ जाऊँ
नहीं पकड़ाई मैं आऊँ
तुम डाल डाल मैं पात पात
बिन पकड़े कभी न छोड़ूँ
संग संग डोलूं रे
तुम डाल डाल मैं पात पात
बिन पकड़े कभी न छोड़ूँ
संग संग डोलूं रे
बन बन बोलूं रे
मैं बन की चिड़िया बन के बन बन बोलूं रे
मैं बन का पन्छी बन के संग संग डोलूं रे
मैं बन की चिड़िया बन के बन बन बोलूं रे
संग संग डोलूं रे
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Main ban ka panchhi-Acchut Kanya 1936
Artists: Ashok Kumar, Devika Rani
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