दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ -औरत १९५३
निकला गीत। ये लता मंगेशकर की आवाज़ में है। फ़िल्म
औरत में सभी गीत लता की आवाज़ में है। 'वन मेन शो'।
सारे गीत लाजवाब हैं। इसको कहते हैं शुद्ध एल्बम। इसमें
कोई मिलावट नहीं।
गीत लिखा है गीतकार शैलेन्द्र ने। इस गीत में नायिका
गदगद है और अपनी खुशी गीत के माध्यम से प्रकट कर
रही है। अभिनेत्री का नाम बीना राय है ।
गीत के बोल:
दर्द-ऐ-उल्फत
हाय, दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दिल की दुनिया बसाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
चुपके से वो मेरे दिल में समाये
चुपके से वो मेरे दिल में समाये
उन्हें लेके जाऊं कहाँ
उन्हें लेके जाऊं कहाँ
उन्हें लेके जाऊं कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत
हाय, दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दिल की दुनिया बसाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
चाहत है नाज़ुक ज़ालिम है ज़माना
चाहत है नाज़ुक ज़ालिम है ज़माना
मैं बच के भी जाऊं कहाँ
मैं बच के भी जाऊं कहाँ
मैं बच के भी जाऊं कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत
हाय, दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दिल की दुनिया बसाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
उन्हें देख शरमा के पूछा नज़र ने
उन्हें देख शरमा के पूछा नज़र ने
वो आए बिठाऊँ कहाँ
वो आए बिठाऊँ कहाँ
वो आए बिठाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत
हाय, दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
दिल की दुनिया बसाऊँ कहाँ
दर्द-ऐ-उल्फत छुपाऊँ कहाँ
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Dard-e-ulfat chhupaoon kahan-Aurat 1953
Artist: Bina Rai
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