Mar 15, 2009

घर आजा घिर आए बदरा-छोटे नवाब १९६१

ये गीत संगीतकार राहुल देव बर्मन का पहला हिन्दी गीत है
जो किसी हिंदी फ़िल्म में आया और सुनाई दिया। इसके बोल लिखे
हैं शैलेन्द्र ने और ये जिस हिरोइन पर फिल्माया गया है उसका
नाम मुझे मालूम नहीं है । इस गीत को मैं कई सालों से सुन रहा हूँ।
गायिका हैं लता मंगेशकर ।

गीत में एक और जनाना चेहरा दिखाई देता है -अमिता का।
अमिता फ़िल्म गूँज उठी शहनाई की हिरोइन हैं जो इस गाने में
आपको दुखी दुखी सी नज़र आएँगी। क्यूँ है ऐसा, ये जानने के लिए
आपको ये गीत देखना पड़ेगा।



गाने के बोल:

घर आजा घिर आये बदरा साँवरिया
घर आजा घिर आये बदरा साँवरिया
मोरा जिया धक धक रे चमके बिजुरिया

घर आजा घिर आये

सूना सूना घर मोहे डसने को आये रे
सूना सूना घर मोहे डसने को आये रे
खिड़की पे बैठे बैठे सारी रैन जाये रे
टप टिप सुनत मैं तो भई रे बाँवरिया

घर आजा घिर आये

कस मस जियरा कसक मोरी दूनी रे
कस मस जियरा कसक मोरी दूनी रे
प्यासी प्यासी अँखियों की गलियां हैं सूनी रे
जाने मोहे, लागी किस बैरन की नजरिया

घर आजा घिर आये बदरा साँवरिया
मोरा जिया धक धक रे चमके बिजुरिया
घर आजा घिर आये
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Ghar aa ja ghir aaye badra-Chhote Nawab 1961

Artist:  ????, Mehmood, Anwar Hussain, Amita

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