आइये मेहरबान-हावडा ब्रिज १९५८
कार्यक्रम बनाने वाली टीम में शायद किसी को ये गीत बहुत पसंद
था। हमें भी पसंद है और हम दूरदर्शन को धन्यवाद् देते हैं इस बात
के लिए क्यूँ कि इसके पहले तक हम सिर्फ 'चिन चिन चू' सुना
करते थे। ओ पी नय्यर की धुन पर इस गीत को गाया है आशा
भोंसले ने और ये फिल्माया गया है मधुबाला पर । इस गीत की
टिर्र टुर्र और मधुबाला के चहरे के भाव के अलावा कुछ सुनाई और
दिखाई नहीं देता है मुझे तो। गीत किसी ने भी गाया हुआ होता तो
भी कोई फर्क नहीं पढता। ये लुभावना गीत कमर जलालाबादी ने
लिखा है.
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गाने के बोल:
आइये मेहरबाँ, बैठिये जाने-जाँ
शौक़ से लीजिये जी, प्यार का इम्तहाँ
आइये मेहरबाँ
कैसे हो तुम नौजवाँ, इतने हसीं महमाँ
कैसे हो तुम नौजवाँ, इतने हसीं महमाँ
कैसे करूँ मैं बयाँ, दिल की नहीं है ज़ुबाँ
कैसे करूँ मैं बयाँ, दिल की नहीं है ज़ुबाँ
आइये मेहरबाँ, बैठिये जाने-जाँ
शौक़ से लीजिये जी, प्यार का इम्तहाँ
आइये मेहरबाँ
देख मचल के जिधर, बिजली गिरा दे उधर
देख मचल के जिधर, बिजली गिरा दे उधर
किसका जला आशियाँ, बिजली को ये क्या खबर
किसका जला आशियाँ, बिजली को ये क्या खबर
आइये मेहरबाँ, बैठिये जाने-जाँ
शौक़ से लीजिये जी, प्यार का इम्तहाँ
आइये मेहरबाँ
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