बिछुआ ने डंक मारा-सुन सजना १९८२
७८ से १९८५ के बीच। इस फिल्म ने विशेष कारनामा तो नहीं
किया बॉक्स ऑफिस पर, मगर अपनी लागत निकालने में जरूर
सफल रही। इसके इक्का दुक्का गीत भी बजते रहे ।
आज जो गीत आपके लिए पेश है वो उषा मंगेशकर का गाया
हुआ है और कम सुना हुआ गीत है। संगीतकार हैं राम लक्ष्मण
जो अलग तरीके के वाद्य प्रयोगों के लिए पहचाने जाते हैं। वे भी
प्रयोगधर्मी थे और इसकी बड़ी वजह उनके ग्रुप में उत्तम सिंह
(दिल तो पागल है , ग़दर) जैसे सहायकों का मौजूद होना।
गीत के बोल:
दैया, हाँ
बिछुआ ने डंक मारा
सुलगे ऐसे तन सारा
जैसे कोई अंगारा
हाय हाय हाय हाय
ज़हर ये चढ़ता जाए
कोई संवरिया को लाये
बिछुआ ने डंक मारा
सुलगे ऐसे तन सारा
जैसे कोई अंगारा
हाय हाय हाय हाय
ज़हर ये चढ़ता जाए
कोई संवरिया को लाये
बिछुआ ने डंक मारा
चली थि घर से पिया से मिलने
नदी में कुछ खटका था
चली थी घर से पिया से मिलने
नदी में कुछ खटका था
पता नहीं था के बन के बैरी
डगर में छुपा हुआ था
वही जो कर मैंने पांव जो रखा था
ये दुःख सहना भाग में मेरे लिखा था
हाय हाय हाय
ज़हर ये चढ़ता जाए
कोई संवरिया को लाये
बिछुआ ने डंक मारा
पिया को मेरे बताओ कोई हुई जो हालत मेरी
पिया को मेरे बताओ कोई हुई जो हालत मेरी
कहीं वो मुझसे रूठ ना जाए करो ना ऐसी देरी
रहे जो बात पिया दर्द कुछ कम होगा
अगर फिर मर भी गयी तो मुझको गम होगा
हाय हाय हाय
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Bichhua ne dank maara-Sun sajna 1982
Artists: Mithun Chakravorty, Ranjeeta,
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