जबसे देखा है तुमको-इज्ज़त आबरू १९८६
फ़िल्म का नाम है इज्ज़त आबरू जो शायद अपनी इज्ज़त बॉक्स
ऑफिस पर बचने में नाकाम रही।
इस फिल्म मे २-३ सुनने लायक गीत हैं। प्रस्तुत गीत के बोल लिखे
हैं विश्वेश्वर शर्मा ने और धुन बनाई है संगीतकार अजय स्वामी ने।
गायक कलाकार हैं सुरेश वाडकर ।
गीत के बोल:
जबसे देखा है तुमको
चैन आए न दिल को
रूप ऐसा तुम्हारा
बिन पिए नशा हो
बड़ी फुर्सत से ऐ जानम
रब ने तुमको बनाया है
जबसे देखा है तुमको
चैन आए न दिल को
ऑंखें तेरी नशीली मदभरी
पलकें रहमी हैं सुरमई सुरमई
ऑंखें तेरी नशीली मदभरी
लैब तेरे हैं ऐसे लैब तेरे
जैसे गुलाब देखो खिल गए खिल गए
लैब तेरे हैं ऐसे लैब तेरे
सोये अरमानों को तुमने ही जगाया है
जबसे देखा है तुमको
चैन आए न दिल को
रूप ऐसा तुम्हारा
बिन पिए नशा हो
बड़ी फुर्सत से ऐ जानम
रब ने तुमको बनाया है
जबसे देखा है तुमको
चैन आए न दिल को
सूने सफर में तू जो मिल गई
ख्वाबों में ज़िन्दगी ढल गई, ढल गई
सूने सफर में तू जो मिल गई
हो, छाये जो दिल पे तेरी बेखुदी
सारा जहाँ लगे अजनबी अजनबी
छाये जो दिल पे तेरी बेखुदी
मैंने चाहत में तुम्हारी दोनों जहाँ को भुलाया है
जबसे देखा है तुमको
चैन आए न दिल को
रूप ऐसा तुम्हारा
बिन पिए नशा हो
बड़ी फुर्सत से ऐ जानम
रब ने तुमको बनाया है
जबसे देखा है तुमको
चैन आए न दिल को
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Jabse dekha hai tumko-Izzat Aabroo 1986
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