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Jul 29, 2020

किसी का दिल जो तोडेगा-क़त्ल १९८६

आज बॉलीवुड की जिन हस्तियों का जन्मदिन है उनमें से
एक हैं अनूप जलोटा. प्रसिद्ध गायक अनूप जलोटा ने फिल्मों
के लिए भी कुछ गीत गाये हैं.

सन १९८६ की संजीव कुमार अभिनीत फिल्म में एक गाना
उनका गाया हुआ है जिसे फिल्माया गया है अशोक कुमार
पर.

राजेंद्र कृष्ण का गीत है और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का संगीत.

फिल्म का निर्देशन आर के नैयर ने किया है और शायद इसी
वजह से फिल्म के गीत राजेंद्र कृष्ण के हैं. एक गीत शायद
आनंद बक्षी का है इसमें.




गीत के बोल:

किसी का दिल जो तोडेगा
खुदा क्या उसको छोडेगा
.
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.
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.............................................................
Kisi ka dil jo todega-Qatl 1986

Artist: Ashok Kumar

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Jul 11, 2020

अपनों में मैं बेगाना-बेगाना १९८६

बॉलीवुड में आज भी कई लोगों का जन्मदिन है. इनमें से
के हैं कुमार गौरव. कुमार गौरव ने फिल्म लव स्टोरी से
धमाकेदार एंट्री की थी बॉलीवुड में. उसके बाद कुछ और
समय तक वे अपने जलवे दिखाते रहे मगर किस्मत का
कहना कुछ और था और प्रसिद्धि और पैसा उन्हें नहीं मिला.

आज सुनते हैं सन १९८६ की फिल्म बेगाना से किशोर कुमार
का गाया एक बढ़िया गीत जिसे अनजान ने लिखा है और
धुन अन्नू मलिक ने तैयार की है. फिल्म का निर्देशन किया
है अम्बरीश संगल ने.



 
गीत के बोल:

नादाँ नासमझ पागल दीवाना
सबको अपना माना तूने
मगर ये न जाना

मतलबी हैं लोग यहाँ पर मतलबी ज़माना
सोचा साया साथ देगा निकला वो बेगाना
बेगाना बेगाना
अपनों में मैं बेगाना बेगाना

खुशियां चुरा के गुज़रे वो दिन
कांटे छुपा के बिछड़े वो दिन
आँखों से आँसू बहने लगे
बहते ये आंसू कहने लगे
ये क्या हुआ ये क्यों हुआ
कैसे हुआ मैंने न जाना

मतलबी हैं लोग यहाँ पर मतलबी ज़माना
सोचा साया साथ देगा निकला वो बेगाना
बेगाना बेगाना
अपनों में मैं बेगाना बेगाना

ज़िन्दा है लाशें मुर्दा ज़मीं है
जीने के काबिल दुनिया नहीं है
दुनिया को ठोकर क्यूं न लगा दूं
खुद अपनी हस्ती क्यूं न मिटा दूं
जी के यहाँ जी भर गया
दिल अब तो मरने का ढूंढे बहाना

मतलबी हैं लोग यहाँ पर मतलबी ज़माना
सोचा साया साथ देगा निकला वो बेगाना
बेगाना बेगाना
अपनों में मैं बेगाना
.................................................................
Apnon mein main begana-Titlesong 1986

Artist: Kumar Gaurav

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Jun 7, 2020

मोहब्बत के दुश्मन-चमेली की शादी १९८६

फिल्मों में नाटकीयता तो पाई ही जाती है मगर नौटंकी के
अंश भी पाये जाते हैं. नौटंकी आम भाषा में थियेटर को भी
बोला जाता है. गांव के साथ ये शब्द ज्यादा जुडा हुआ है.

फिल्म चमेली की शादी की कहानी चुस्त है और उसमें सीन
बदलने की रफ़्तार औसत से बेहतर है जो दर्शकों को बांधे
रखने की बड़ी वजह है. हमें सिनेमा की जितनी समझ है
उस अनुसार हम बतला देते हैं. क्रिटिकल ऐक्लैम, रिक्लेम
हमारी समझ में नहीं आता.

फिल्म में बादशाही सल्तनत को याद करते हुए ये गाना
फिल्माया गया है. शायद ये सलीम अनारकली के प्रेम के
प्रतीक के सबसे नज़दीक है, मेरे ख्याल से. ये एक खयाली
विचार जैसा है और जिसमें नायक के साथी दरबारियों में
तब्दील हो जाते हैं. गीत शुरू होते ही जिस मकान में वे
घुसते हैं उसके सामने की दीवार पे भगंदर का इलाज जैसा
कुछ लिखा होता है. ऐसे प्रतीक बारीकी से सिनेमा देखने
वाले ही देख और समझ पाते है.

गीत अनजान रचित है जिसे अनवर ने गाया है. इसकी धुन
तैयार की है कल्याणजी आनंदजी ने.

गीत अनिल कपूर, पंकज कपूर और अमृता सिंह पर फिल्माया
गया है.




गीत के बोल:

फिर कोई बना मुग़ले आज़म
फिर कैद हुई अनारकली
पर आज सलीम झुकेगा नहीं
देखेगी तमाशा सारी गली

मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
बुझाये बुझे ना मोहब्बत के शोले
बुझाये बुझे ना मोहब्बत के शोले
ऐ जालिम अगर तू समुन्दर भी ले आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ

मोहब्बत को कोई तिज़ारत समझ के
या पत्थर की कोई ईमारत समझ के
ये ना सोच
ये ना सोच बाजार में बेच देगा
ये सौदा बहुत तुझको महँगा पड़ेगा
जो बिक जाये वो होश-ए-मोहब्बत नहीं हैं
मोहब्बत नहीं हैं मोहब्बत नहीं हैं
जो बिक जाये वो होश-ए-मोहब्बत नहीं हैं
मोहब्बत है इबादत मोहब्बत है पूजा

मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ

सितम ऐसे पहले भी तो हो चुके हैं
दीवाने मगर किसके आगे झुके हैं
दिलों पे न तेरी हुकूमत चलेगी
मोहब्बत ये ज़ंजीरो में न बँधेगी
फतह कर सके जो मोहब्बत की दुनिया
मोहब्बत की दुनिया मोहब्बत की दुनिया
फतह कर सके जो मोहब्बत की दुनिया
अगर कहीं हो वो सिकंदर भी ले ए

मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ

ये जोश-ए-जूनून जब बग़ावत पे आये
कटे तो कटे सर झुके न झुकाये
सितमगर है आया बुरा वक्त तेरा
दीवाना उलट देगा ये तख़्त तेरा
जो सर काट दे दिल के जोश-ए-जूनून का
दिल के जोश-ए-जूनून का दिल के जोश-ए-जूनून का
जो सर काट दे दिल के जोश-ए-जूनून का
जोश-ए-जूनून का जोश-ए-जूनून का
जो सर काट दे दिल के जोश-ए-जूनून का
अगर मिल सके तो वो खंजर भी ले आ

मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
बुझाये बुझे न मोहब्बत के शोले
ऐ जालिम अगर तू समुन्दर भी ले आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
ज़रा होश में आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
ज़रा होश में आ
मोहब्बत के दुश्मन ज़रा होश में आ
ज़रा होश में आ
………………………………………..
Mohabbat ke dushman-Chameli ki shadi 1986

Artists: Pankaj Kapoor, Anil Kapoor, Amrita Singh

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Jun 6, 2020

उत्तर आई अखाड़े में-चमेली की शादी १९८६

इंसान को दो हाथ इसलिए दिये गए हैं कि वो उन्हें चला कर,
मेहनत कर के अपना पेट पाल सके. चलाना कैसे है उसके लिए
दिमाग दिया हुआ है. कभी कभी हाथ अपनी रक्षा और कुछ
विशेष हासिल करने के लिए भी चलाने पड़ते हैं.

फिल्म चमेली की शादी में नायक को नायिका आसानी से नहीं
मिलती. तरह तरह के दांव पेच, कुश्ती, ढिशुम ढिशुम, गायन,
नृत्य इत्यादि के बाद उसे मन का मीत प्राप्त होता है. अखाड़े
में नायिका जैसे दृश्य हमने डब्लू डब्लू एफ के महिला संस्करण
में ही देखे और वो भी ९० के बाद, जहाँ तक मेरा अनुमान ठीक
है. पुरुष प्रधान फ़िल्मी कथानकों में ऐसा देखने को मिला नहीं.

बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि वे मनुष्य योनि में पैदा
हो गये तो दो वक्त की रोटी और अन्य सुविधाओं पर उनका
जन्मसिद्ध अधिकार हो गया. वे हाथ पैर मारें या ना मारें उन्हें
भोजन मिलना चाहिए.

आसानी से मिलने वाली चीज़ों में प्रकृति द्वारा प्रदान वस्तुएं
जैसे पेड़ से स्वतः गिरे बेर, पक्षियों के खाए बेर ही मिला करते
हैं. इनमें आपके पास चॉईस नहीं होती. ताजा कोई चीज़ खानी
है तो पेड़ पर चढ़िये या तोड़ने का कोई जुगाड कीजिये तभी
प्राप्त होगा.

सहज कॉमेडी की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए निर्देशक ने इसमें
अपनी पिछली फिल्मों की तुलना में कुछ अनूठे प्रयोग किये हैं.
अनूठा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्यूंकि ऐसे कुछ प्रयोग श्वेत श्याम
युग की कुछ फिल्मों में भी हैं मगर समय की धूल भरी आंधी
में कई चीज़ें दब चुकी हैं बॉलीवुड की. कोशिश जारी है उन पर
से धूल हटाने की मगर पिछले दशकों में इतना कुछ सामने आ
चुका है कि ये प्रयत्न अपर्याप्त या यूँ कहें ऊँट के मुंह में जीरे
के समान लगता है. उसके अलावा स्वयं बॉलीवुड पुराने माल
को सहजने के प्रति गंभीर नहीं है.

सुनते हैं ये गीत मेल-फीमेल कुश्ती वाला जो अनजान का लिखा
हुआ है. कल्याणजी आनंदजी के संगीत निर्देशन में इसे गाया है
आशा भोंसले ने.



गीत के बोल:

अरे आ आ
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
अरे दम है तो
अरे दम है तो आ कर ले
प्यार में पहलवानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी

हो पंजा लड़ा की ना मारूं रे तुझको
नैना मिला के मैं मारूं
रसिया रे नैना मिला के मैं मारूं
प्यार का ऐसा दांव लगाऊँ
दंगल का भूत उतारूं
सर से दंगल का भूत उतारूं
मिल जायेगी
ओ मिल जाएगी मिटटी में
यहाँ तेरी जवानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी

हो पी के यहाँ भांग आ संग मेरे
तूफां में तू भी उतर जा
रसिया रे तूफां में तू भी उतर जा

ये इश्क शोलों का दरिया है तो क्या
आ डूब के पार कर जा
प्यारे आ डूब के पार कर जा
पार तुझको
ऐ पार तुझको लगा देगी
तेरी प्रेम दीवानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी

हो सजना ओ सजना
मैंने यहाँ सेज फूलों की सजना
तेरे लिए हैं सजाई
हो ओ ओ सारे ज़माने को ठोकर लगा के
तुझसे लगन है लगाई
मैंने तुझसे लगन है लगाई
आ भी जा
अरे आ भी जा बाहों में
छोड़ दे आनाकानी
उतर आई अखाड़े में
तेरे सपनों की रानी
अरे दम हैं तो आ
कर ले प्यार में पहलवानी
……………………………………..
Utar aayi akhade mein-Chameli ki shadi 1986

Artists: Anil Kapoor, Amrita Singh

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Jun 5, 2020

तू जहाँ भी चलेगा-चमेली की शादी १९८६

क्या करें प्यार में तोतापरी आम भी अल्फांसो नज़र आता है.
अब इसका कोई हल नहीं है. ये तो फ्रीक्वेंसी मिलान की बात
है. मिले ससुर मेरा तुम्हारा. मेड फॉर ईच अदर.

फिल्म चमेली की शादी की कहानी फ़िल्मी नाटकीयता से भरी
होने के बावजूद इर्द गिर्द की कहानी जैसी ही लगती है. आप
इसके कथानक में जैसे ही खोने लगते हैं, कोई गीत झटका मार
की आपकी तंद्रा भंग कर देता है और आप समझ जाते हैं कि
ये फिल्म ही है जो आप देख रहे हैं.

चमेली के गुणगान वाला एक और गीत है इस फिल्म में जिसे
परदे पर स्वयं चमेली गा रही है और आशा भोंसले परदे के पीछे.
गीत अनजान रचित है और संगीतकार वही हैं जो पिछले गीत
के लिए थे.

ये आम गीतों की तरह नहीं है. फ़िल्मी बरसात में रोमांस के
साथ ढिशुम ढिशुम भी है और नायक नायिका दोनों इसमें अपने
अपने तरीके से गुंडों से निपट रहे हैं. प्यार में वो तासीर है के
अकड़े जोड़ भी खुल जाते हैं. गीत के अंत में नायक यकायक
ज़ोरों से नाचना शुरू कर देता है और नायिका आश्चर्यचकित हो
जाती है ये अच्च्म्भा देख कर.



गीत के बोल:

तू जहाँ भी चलेगा चलूँगी
हो तू जहाँ भी चलेगा चलूँगी
तेरा दुःख दर्द मैं बाँट लूंगी
ओ जी सकेगी न तुझ बिन अकेली
जी सकेगी न तुझ बिन अकेली
मेरे सजना ये तेरी चमेली चमेली
तू जहाँ भी चलेगा चलूँगी
तेरा दुःख दर्द मैं बाँट लूंगी

सजना सजना सजना
जिधर देखती हूँ उधर तू ही तू है
हर एक शय में आता नज़र तू ही तू है
जिधर देखती हूँ उधर तू ही तू है
हर एक शय में आता नज़र तू ही तू है
दिल की आहों में तू दिल ही राहों में तू
मेरी बाहों में तू है निगाहों में तू
मेरी रातों में नींदो में ख्वाबों में तू
जी सकेगी ना
जी सकेगी ना तुझ बिन अकेली
मेरे सजना ये तेरी चमेली चमेली

तू जहाँ भी चलेगा चलूँगी
तेरा दुःख दर्द मैं बाँट लूंगी

सजना सजना सजना
ये माना ज़माना बड़ा बेरहम है
तुझे मुझसे छीने यहाँ किसमें दम है
ये माना ज़माना बड़ा बेरहम है
तुझे मुझसे छीने यहाँ किसमें दम है
हो करम या सितम हंस के झेलेंगे हम
प्यार होगा न कम टूटेगी न कसम
हर जनम में तू ही होगा मेरा सनम
जी सकेगी ना
जी सकेगी ना तुझ बिन अकेली
मेरे सजना ये तेरी चमेली चमेली

तू जहाँ भी चलेगा चलूँगी
तेरा दुःख दर्द मैं बाँट लूंगी
जी सकेगी न तुझ बिन अकेली
मेरे सजना ये तेरी चमेली चमेली
तू जहाँ भी चलेगा चलूँगी
तेरा दुःख दर्द मैं बाँट लूंगी
…………………………………………….
Too jahan bhi chalega chaloongi-Chameli ki shadi 1986

Artists: Anil Kapoor, Amrita Singh

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Jun 4, 2020

चमेली की शादी-शीर्षक गीत १९८६

आने जाने के सिलसिले में बॉलीवुड को एक और आघात
लगा बासु चटर्जी के अवसान से. दर्शकों के चहेते निर्देशक
बासु चटर्जी हालंकि काफी समय से फिल्म निर्देशन और
निर्माण से दूर रहे मगर उनकी उपस्थिति से शायद फिल्म
उद्योग के कल्पनाशील कलाकारों को बल ज़रूर मिलता था.

उनके योगदान को फ़िल्मी टेक्स्ट बुक के एक चैप्टर जैसा
समझा जा सकता था. अपने समकालीनों से वे कुछ मायनों
में अलग थे और वो है दर्शकों से जुड़ाव. उनकी फिल्मों से
दर्शक कब बंध जाता है उसे मालूम ही नहीं पड़ता है.

फिल्मों की सार्थकता एक गंभीर विषय है और उस पर
गंभीरता से कार्य करने वाले कुशल चितेरे बिरले ही हुए हैं
हम देश के सम्पूर्ण सिनेमा कि बात कर रहे हैं यहाँ पर.
सिनेमा केवल बॉलीवुड का नाम नहीं है उससे परे भी एक
दुनिया है जिसमें टी वी भी आता है. धारावाहिक एक और
माध्यम है अभिव्यक्ति का जो आज के समय में जनता से
ज्यादा जुडा है.

कुछ पोस्ट पहले ही हमने उन्हें याद किया था जब फिल्म
उस पार के गाने का जिक्त किया था. साहित्य से वे जुड़े
रहे और उनकी अधिकाँश फिल्मों के कथानक के मूल में
अच्छा साहित्य है. उन्होंने लेखक राजेंद्र यादव के उपन्यास
प्रेत बोलते हैं पर फिल्म बनाई-सारा आकाश जिसके संवाद
कमलेश्वर ने लिखे थे तो मन्नू भंडारी की कहानी यही सच है
पर रजनीगंधा फिल्म बनाई. ये संयोग हो सकता है कि
साहित्यकार पति-पत्नी दोनों की रचनाओं पर उन्होंने काम
किया.

अंग्रेजों के ज़माने से सरकारी दफ्तरों से आबाद, मध्यम वर्ग
और नौकरीपेशा लोगों के शहर अजमेर में जन्मे बासु चटर्जी
ने मध्यम वर्ग और उनकी जीवनचर्या पर काफ़ी फ़िल्में बनाईं.

दूरदर्शन के ज़माने में रजनी और ब्योमकेश बक्षी धारावाहिकों
ने काफ़ी प्रशंसा प्रसिद्धि अर्जित की. ये इस बात का प्रतीक है
कि शिद्दत से और समर्पण से किया गया कार्य किसी भी जगह
और माध्यम पर अपना रंग ज़रूर दिखाता है. सरलता भी ज़रूरी
है. दांत मांजने के लिए आपको जिमनास्टिक्स दिखलाने की
आवश्यकता नहीं है. सर्कस करने से दांत ज्यादा साफ होते हैं
ऐसा किसी वैज्ञानिक या डॉक्टर ने अभी तक कहीं नहीं लिखा.

बासु चटर्जी की फ़िल्में रजनीगन्धा और चितचोर की तो सभी बातें
किया करते हैं अतः हम उन फिल्मों के विवरण यहाँ रिपीट नहीं
करना चाहेंगे सिवाय इस बात के कि चितचोर का रीमेक जैसा
राजश्री ने मैं प्रेम की दीवानी हूँ में बनाया मगर वो समय की
कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया.

९० के दशक में उनकी एक फिल्म आई थी गुदगुदी जिसका
कथानक तो अच्छा था मगर उसके प्रभावशाली से नायक की
लुल्ल्पन वाली कॉमेडी ने फिल्म का प्रभाव कम कर दिया. इस
रोल में शायद फारूक शेख जैसा कलाकार ज्यादा उपयुक्त होता.
ढंग की कॉमेडी शायद अभी तक पब्लिक के समझ आई नहीं.
इन सब नामचीनों से तो राजपाल यादव बेहतर कर लेता है.
निर्देशक कभी कभी अपने आप को कितना असहाय मह्सूस
करता होगा जब उसे अपने मन माफिक काम या कलाकार ना
मिले.

हम याद करेंगे चमेली की शादी फिल्म को जिसे सभी वर्ग के
दर्शकों की सराहना मिली थी और सिनेमा हॉल का दृश्य भी उस
फिल्म के समय काफ़ी रोचक हो जाया करता था. पहलवानी और
ब्रह्मचारी चरणदास उर्फ अनिल कपूर, चरणदास के गुरु पहलवानी
के उस्ताद ओम प्रकाश, कल्लूमल कोयले वाला, उसकी बेटी चमेली,
कल्लूमल की बीबी के रोल में भारती अचरेकर, वकील के रोल में
अमजद खान, चरणदास के भाई के रोल में सत्येन कप्पू, भूतनी के
संवाद बोलने वाले अन्नू कपूर और राम सेठी जो अमिताभ की
फिल्मों के आवश्यक हिस्सा होते थे किसी समय प्यारेलाल के रूप
में, इन सभी के अभिनय ने इस फिल्म को यादगार बना दिया.
इस फिल्म के गीत खूब चले और बजे. 

फिल्म से सुनते हैं शीर्षक गीत जिसे अनिल कपूर और कोरस ने
गाया है. अनजान की रचना है और कल्याणजी आनंदजी का संगीत.



गीत के बोल:

सब्र का फल मीठा होता है
बाद में पढ़ लेना
.
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........................................................
Chameli ki shadi-Titlesong

Artists: Anil Kapoor

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Nov 10, 2019

ये गुस्सा कैसे उतरेगा-सदा सुहागन १९८६

आनंद बक्षी का लिखा एक गीत सुनते हैं जिसे गाया
है आशा भोंसले और मोहम्मद अज़ीज़ ने. ये गीत है
सन १९८६ की फिल्म सदा सुहागन से. फिल्म के गीतों
के लिए संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया है.

फिल्म सन १९७५ की एक तमिल फिल्म की कहानी
पर आधारित है. गीत को सुन कर आपको १९८२ की
फिल्म रास्ते प्यार के से एक गीत-सारा दिन सताते हो
की याद अवश्य आना चाहिए. उस गीत में भी जोड़ी
यही है परदे पर. गीतकार और संगीतकार भी वही हैं.



गीत के बोल:

ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
मैं कैसे तुम्हें मनाऊँ जी
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
मैं कैसे तुम्हें मनाऊँ जी
कहो तो कुछ कर के देखूं
कहो तो कुछ कर के देखूं
तुम्हारा दिल बहलाऊं जी
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा

लगेगी देर अब कितनी
तुम्हारे मुस्कुराने में
लगेगी देर अब कितनी
तुम्हारे मुस्कुराने में
लगेगा वक़्त अब कितना

पिया तुमको मनाने में
पिया तुमको मनाने में
मैं फूलो से या कलियों से
ये सूनी सेज सजाऊँ जी
कहो तो कुछ कर के देखूं
तुम्हारा दिल बहलाऊं जी
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा

यही तो प्यार के दिन हैं
यही तो प्यार की रातें
यही तो प्यार के दिन हैं
यही तो प्यार की रातें
चलो इस प्यार को छोड़ो
करो तुम चाँद की बातें
चलो तुम चाँद को छोड़ो
मैं बिन्दिया को चमकाऊं जी
कहो तो कुछ कर के देखूं
तुम्हारा दिल बहलाऊं जी
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेग

मुझे हंसना भी आता हैं
मुझे रोना भी आता हैं
मुझे हंसना भी आता हैं
मुझे रोना भी आता हैं
ये रखना याद तुम मुझको
ये रखना याद तुम मुझको
खफा होना भी आता हैं
कही तुमको मनाने में
मैं खुद न रूठ जाऊं जी
कही तुमको मनाने में
मैं खुद न रूठ जाऊं जी
हाँ हाँ रूठ जाऊं जी
देखो हाँ रूठ जाऊं जी
ऊं हूँ

ये गुस्सा कैसे उतरेगा
मैं कैसे तुम्हें मनाऊँ जी
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
मैं कैसे तुम्हें मनाऊँ जी
कहो तो कुछ कर के देखूं
तुम्हारा दिल बहलाऊं जी
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
ये गुस्सा कैसे उतरेगा
....................................................................
Ye gussa kaise utrega-Sada suhagan 1986

Artists: Jeetendra, Rekha

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Jul 17, 2019

आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें-लव ८६

सन १९८६ की एक फिल्म का गाना याद आ गया शहनाई
फिल्म के गीत से. क्या लाजवाब बोल हैं इसके भी. प्यार
की हद से आए निकल जाने की बात हो रही है गीत में.
मोहब्बत के सारे चैप्टर नहीं खुला करते किसी एक गीत
में. 

सुनते अं अपने ज़माने का सुपरहिट गीत जिसे लिखा है
एस एच बिहारी ने. मोहम्मद अज़ीज़ संग इसे गाया है
कविता कृष्णमूर्ति ने. लक्ष्मी प्यारे ने इसकी धुन तैयार
की है. ये इकोनोमी मोड वाला गीत है. दो जोड़ों के लिए
दो ही सिंगर. 





गीत के बोल:

प्यार की हद से आगे निकल आये हम
आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें
आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें
प्यार के हद से आगे निकल आये हम
आ इबादत को कोई नया नाम दें
आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें

ये निगाहें उठी वो फ़साने बने
आँख के बोल कब किसी ने सुने
दिल से दिल मिल गया अब ज़माने से क्या
आ इजाज़त को कोई नया नाम दें
आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें


जब से तूने छुआ एक नशा सा छ गया हो
जब से तूने छुआ एक नशा सा छ गया हो
दर्द में जिंदगी का मज़ा आ गया
धडकनों को नहीं धडकनों से गिला आ
आ शिकायतों को कोई नया नाम दें
आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें


तेरे दामन की खुशबू से महकी रहूँ
बिन पिए ही सदा लडखडाया करूं
कभी मैं तेरे दिल को सताया करूं
कभी मैं तेरे दिल को जलाया करूं
देख कर भी तुझे अनदेखा करूं
आ शरारत को कोई नया नाम दें
आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें

प्यार की हद से आगे निकल आये हम
आ मोहब्बत को कोई नया नाम दें
आ इबादत को कोई नया नाम दें

…………………………………………………
Aa mohabbat ko koi naya naam-Love 86

Artists: Farha, Rohan Kapoor, Govinda, Neelam

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Jun 20, 2018

जब दो प्यार मिलते हैं-सवेरे वाली गाड़ी १९८६

फिल्म सवेरे वाली गाड़ी से अगला गीत पेश है जो
किशोर कुमार ने गाया है. सनी देवल के हिस्से में
भी अपने पिता धर्मेन्द्र की तरह कुछ सॉफ्ट किस्म
के रोल आये मगर उनके कैरियर में वो ढाई किलो
का हाथ वाले रोल ही ज्यादा आये.

धर्मेन्द्र को निर्देशक काफी अच्छे मिले उनके कैरियर
के पूर्वार्ध में. हृषिकेश मुखर्जी और असित सेन जैसे
निर्देशकों की बदौलत कई यादगार फ़िल्में बनीं धर्मेन्द्र
की.

गीत सुन लेते हैं ज्यादा विवरण में ना उलझ कर.
मजरूह के बोल हैं और आर डी बर्मन का संगीत.
गीत में एक कतार में ढेर सारी बैलगाडियां दिखलाई
दे रही हैं अतः इसे आप चाहें तो बैलगाडी गीत भी
कह सकते हैं.



गीत के बोल:

हो जब दो प्यार मिलते हैं
जब दो प्यार मिलते हैं
तन में फूल खिलते हैं
मन के मंदिर में
जल जाते हैं दिए
…………………………………………
Jab do pyar milte hain-Savere wali gaadi 1986

Artist: Sunny Deol

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Mar 21, 2018

मैं दिल तू धड़कन-अधिकार १९८६

सन १९८६ तक अधिकार नाम से तीन फ़िल्में मेरे ध्यान में
हैं. इन सभी में किशोर के गाये गीत हैं. श्वेत श्याम युग की
अधिकार फिल्म में तो किशोर कुमार ने अभिनय भी किया
है.

सुनते हैं बप्पी लहरी के संगीत निर्देशन में बना इन्दीवर का
लिखा हुआ गीत सन १९८६ की फिल्म अधिकार से. इस गीत
को राजेश खन्ना पर फिल्माया गया है.





गीत के बोल:

सूरज से किरणों का रिश्ता
दीप से मोती का
तेरा मेरा वो रिश्ता जो
आँख से ज्योति का

मैं दिल तू धड़कन
तुझसे मेरा जीवन
कांच के जैसा टूट जाऊँगा
टूटा जो ये बंधन
मैं दिल तू धड़कन
तुझसे मेरा जीवन
कांच के जैसा टूट जाऊँगा
टूटा जो ये बंधन
मैं दिल तू धड़कन


तू ही खिलौना तू ही साथी तू ही यार मेरा
एक ये चेहरा ये दो बाहें ये संसार मेरा
तू ही खिलौना तू ही साथी तू ही यार मेरा
एक ये चेहरा ये दो बाहें ये संसार मेरा
खुद को ही देखा है तुझमें तू मेरा दर्पण

मैं दिल तू धड़कन
तुझसे मेरा जीवन
कांच के जैसा टूट जाऊँगा
टूटा जो ये बंधन
मैं दिल तू धड़कन

तेरे दम से जुड़ी हुई है साँसों की ये कड़ी
तुझसे बिछड़ के जी न सकूंगा मैं तो एक घड़ी
तेरे दम से जुड़ी हुई है साँसों की भजिया कड़ी
तुझसे बिछड़ के जी न सकूंगा मैं तो एक घड़ी
मेरे जीवन का ये दीपक तुझसे ही रोशन

मैं दिल तू धड़कन
तुझसे मेरा जीवन
कांच के जैसा टूट जाऊँगा
टूटा जो ये बंधन
मैं दिल तू धड़कन
....................................................................
Main dil too dhadkan-Adhikar 1986

Artists: Rajesh Khanna

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Mar 10, 2018

काला कौवा देखता है देखने दो-मेरा हक १९८६

कौवा, काग और काक श्रेणी वाले कई गीत आप सुन चुके हैं इस
जगह. कल हमने आपको एक दर्द भरा कौवा गीत सुनवाया था.
आज सुनते हैं एक खुशनुमा कौवा गीत जिसे किशोर कुमार ने
गाया है फिल्म मेरा हक के लिए. संजय दत्त और अनीता राज
पर फिल्माए गए इस गीत में अलका याग्निक की आवाज़ भी
है और आप गीत में शक्ति कपूर को अनूठे अंदाज़ में भी देखेंगे.

आपो किशोर की ही आवाज़ वाला कौवा हिट पुराणी फिल्म से
सुनवाया थे पहले जिसमे एक पंक्ति थी-कागा सब तन खाइयो.

इन्दीवर के बोल हैं और अन्नू मलिक का संगीत. उस समय के
स्थापित संगीत्काओं की मौजूदगी में अन्नू मलिक ने अपने पैर
धीरे धीरे ज़माने शुरू कर दिए थे हिंदी फिल्म संगीत क्षेत्र में.



गीत के बोल:

ऐ काला कौवा देखता है देखने दो सब जान जायेगा जाने दो
काला कौवा देखता है देखने दो सब जान जायेगा जाने दो
.
.
.
.
बाकी के बोल काला कौवा खा गया
…………………………………………………………………..
Kaala kauwa dekhta hai-Mera haque 1986

Artists: Sanjay Dutt, Anita Raj, Shakti Kapoor

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Mar 4, 2018

झर झर बहता है-एक मैं और एक तू १९८६

सुनते हैं आशा भोंसले का गाया हुआ एक गीत जो नए कलाकारों
पर फिल्माया गया था अपने समय में. ये दोनों ही कलाकार बाद
में फिल्मों में दिखाई नहीं दिए. ऐसे कलाकारों की संख्या काफी है
हिंदी फिल्म उद्योग में जो १-२ फिल्मों के बाद नहीं दिखे. इस गीत
में जो नायक और नायिका हैं उनके नाम क्रमशः इस प्रकार से हैं-
राज टंडन और रुबीना. फिल्म का निर्देशन रवि टंडन ने किया है.

गीत की श्रेणी बनाने वाले भी कभी कभी रोचक श्रेणियाँ बनाया करते
हैं. इस गीत के लिए उन्होंने एक श्रेणी बनाई-हीरो फुल पेंट, हीरोईन
हाफ़ पेंट. किसी गीत में स्तिथि इससे उलट भी होती है तो श्रेणी भी
उलट बनेगी.



गीत के बोल:

हो झर झर बहता है हमसे कहता है झरना
हो ओ ओ झर झर बहता है हमसे कहता है झरना
हो करना है जब प्यार तो फिर किसी से क्या डरना
हो जिया करे धक धक हवा चले सर सर
झर झर
झर झर बहता है हमसे कहता है झरना
हो ओ ओ झर झर बहता है हमसे कहता है झरना

अरे अब ना मिले तो फिर कब मिलेंगे मिलने का है ये ज़माना
अब ना कहा तो फिर कब कहेंगे हम अपने दिल का फ़साना
ये रूत ये मौसम गुजार जायेंगे यूँ ही वरना
हो जिया करे धक धक हवा चले सर सर
झर झर
झर झर बहता है हमसे कहता है झरना
हो ओ ओ झर झर बहता है हमसे कहता है झरना

मैं दिल ही दिल में कब से ना जाने तेरे लिए मर रही थी
लेकिन ये तुझसे कहती मैं कैसे लोगों से मैं डर रही थी
चोरी से चुपके से मुश्किल है अब आहें भरना
हो जिया करे धक धक हवा चले सर सर

झर झर
हो झर झर बहता है हमसे कहता है ज़रना
हो झर झर बहता है हमसे कहता है झरना

आ आज दोनों एक दुसरे के शिकवे गिले दूर कर दें
तू मेरा मजनू मैं तेरी लैला ये बात मशहूर कर दे
मेरी कसम तुझको इनकार तू अब ना करना
हो जिया करे धक धक हवा चले सर सर
झर झर
झर झर बहता है हमसे कहता है झरना
हो झर झर बहता है हमसे कहता है झरना
हो जिया करे धक धक हवा चले सर सर

झर झर
हो झर झर बहता है हमसे कहता है ज़रना
हो झर झर बहता है हमसे कहता है झरना
………………………………………………………………
Jhar jhar behta hai-Ek main aur ek too 1986

Artists: Rubina, Raj Tandon

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Oct 24, 2017

जब लड़की सीटी बजाए-धर्म अधिकारी १९८६

सीटी हिट्स के अंतर्गत आने वाला एक गीत सुनिए. सीटी एक
नेचुरल आवाज़ है जो कई प्राणियों के मुख से सुनाई देती है.
लड़का लड़की दोनों इसे बजने में सक्षम हैं, हाँ ये बात और है
लड़के इसका ज्यादा प्रयोग करते हैं. इसका अधिकारिक प्रयोग
सवारी बसों में किया जाता है या परेड, पी टी एक्सरसाईज़ में
इसका प्रयोग होता है.

गीत है सन १९८६ की फिल्म धर्म अधिकारी से जिसे इन्दीवर
ने लिखा और बप्पी लहरी ने संगीत से संवारा. आशा भोंसले
संग शब्बीर कुमार ने इसे गाया है.गीत के की-वर्ड्स कुछ यूँ
हैं-मामला गडबड है.



गीत के बोल:

जब लड़की सीटी बजाये और लड़का छत पर आए
जब लड़की सीटी बजाये और लड़का छत पर आए
ताका झांकी दोनों में हो जाए तो समझो
मामला गड़बड़ है मामला गड़बड़ है

जब लड़का नज़रें मिलाये फिर भी लड़की मुस्काए
जब लड़का नज़रें मिलाये फिर भी लड़की मुस्काए
खुला खुली आपस में हो जाए तो समझो
मामला गड़बड़ है मामला गड़बड़ है

आंगन से गलियन में गलियन से बगियन में
जब दोनों मिलने लगे हो ओ ओ ओ ओ ओ
बिन कारण बिन बोले आहट से ही
जब दोनों खिलने लगें हो ओ ओ ओ ओ ओ
जब लड़का आँखें डाले और लड़की आँचल सम्भाले
जब लड़का आँखें डाले और लड़की आँचल सम्भाले
देखा देखी दोनों में हो जाए तो समझो
मामला गड़बड़ है मामला गड़बड़ है

अपनों से भागे जब बिस्तर पे जागे जब
तकिये से लिपटे रहे हो ओ ओ ओ ओ ओ
आने में टकराए जाने में टकराए
दोनों ही सिमटे रहे हो ओ ओ ओ ओ ओ
जब लड़की चूड़ी खनकाये और लड़का कमरे में आ जाये
जब लड़की चूड़ी खनकाये और लड़का कमरे में आ जाये
छेड़ा छेड़ी दोनों में हो जाए तो समझो
मामला गड़बड़ है मामला गड़बड़ है
मामला गड़बड़ है मामला गड़बड़ है
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Jab ladki seeti bajaye-Dharam adhikari 1986

Artists: Jeetendra, Sridevi

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Jul 24, 2017

इरादा करो तो पूरा करो-इन्साफ की आवाज़ १९८६

अनजान गीतों की श्रृंखला में आज प्रस्तुत है एक युगल गीत
फिल्म इन्साफ की आवाज़ से. इस फिल्म में अनिल कपूर,
रेखा, अनुपम खेर, ऋचा शर्मा, जगदीप, असरानी, गुलशन ग्रोवर
और शफी इनामदार प्रमुख कलाकार हैं. रामा नायडू इस फिल्म
के निर्माता और निर्देशक हैं. उनका पूरा नाम डी रामा नायडू है.

इन्दीवर का गीत है, बप्पी लहरी का संगीत और इसे गाया है
लाता मंगेशकर और एस पी बालसुब्रमण्यम ने.गीत में पूरे वस्त्र
से लेकर अधोवस्त्र तक सबका प्रदर्शन है. गीत में कई हाथी
भी आपको सलामी देते नज़र आयेंगे जो चिनप्पा देवर की
फिल्मों की याद दिला देंगे आपको.




गीत के बोल:

इरादा करो तो पूरा करो वादा करो तो पूरा करो
कोई भी ना काम अधूरा करो प्यार करो तो पूरा करो
इरादा करो तो पूरा करो वादा करो तो पूरा करो
कोई भी ना काम अधूरा करो प्यार करो तो पूरा करो

जबसे देखा चेहरा तेरा बस में नहीं दिल मेरा
मन ही मन करते हैं हम तेरी गलियों का फेरा
हो जबसे देखा चेहरा तेरा बस में नहीं दिल मेरा
मन ही मन करते हैं हम तेरी गलियों का फेरा
कोई भी ना काम अधूरा करो प्यार करो तो पूरा करो
इरादा करो तो पूरा करो वादा करो तो पूरा करो

की नहीं जाती किसी देव की पूजा अधूरी
प्यार भी तो पूजा के जैसा पूजा करो तो पूरी
हो की नहीं जाती किसी देव की पूजा अधूरी
प्यार भी तो पूजा के जैसा पूजा करो तो पूरी
कोई भी ना काम अधूरा करो प्यार करो तो पूरा करो

इरादा करो तो पूरा करो वादा करो तो पूरा करो

तेरे प्यार के सागर की मैं बूँद बूँद पी जाऊं
जीवन देने वाले तुझपे तन मन क्यूँ ना लुटाऊँ
हाँ तेरे प्यार के सागर की मैं बूँद बूँद पी जाऊं
जीवन देने वाले तुझपे तन मन क्यूँ ना लुटाऊँ
कोई भी ना काम अधूरा करो प्यार करो तो पूरा करो
इरादा करो तो पूरा करो वादा करो तो पूरा करो
कोई भी ना काम अधूरा करो प्यार करो तो पूरा करो
प्यार करो तो पूरा करो
…………………………………………………………………
Irada karo to poora karo-Insaaf ki awaaz 1986

Artists: Anil Kapoor, Richa Sharma

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Jul 9, 2017

धीरे-धीरे शाम आ रही है-जुम्बिश १९८६

संगीतकार जयदेव उन बिरले संगीतकारों में से एक हैं जिन्होंने
कई ऑफ बीट और कुछ कमर्शियल फिल्मों में संगीत दिया. वे
एक और बात के लिए जाने जाते हैं-नयी प्रतिभाओं को मौका
देने के लिए.

सन १९८६ की फिल्म जुम्बिश का एक गीत है जो उस समय की
उदयीमान गायिका पीनाज़ मसानी और एक अनजान गायिका
शैला गुलवाडी ने गाया है. फिल्म में गीत सलाउद्दीन परवेज़ ने
लिखे हैं जिहोने नर्गिस फिल्म के गीत भी लिखे जिसका संगीत
बासु मनोहारी ने तैयार किया था.




गीत के बोल:

धीरे-धीरे धीरे-धीरे
शाम आ रही है
धीरे-धीरे धीरे-धीरे
शाम आ रही है
धीरे-धीरे धीरे-धीरे धीरे-धीरे

शाम की किताबों में
पतझड़ों की साँसों में
धुँधली धुँधली आँखों में
शाम बढती आ रही है

धीरे-धीरे धीरे-धीरे धीरे-धीरे
शाम आ रही है
धीरे-धीरे धीरे-धीरे धीरे-धीरे
शाम आ रही है
धीरे-धीरे धीरे-धीरे धीरे-धीरे

नींद एक गाँव है नींद की तलाश में
आवाज़ें आ रही है
नींद एक गाँव है नींद की तलाश में
आवाज़ें आ रही है
पाँवों खड़ा बहने
सत सत गा रहे है
शख वाले रंग लिये मोरों के पंखों से
सभ्यता को लिख रहे है
पीपल के पात हरे
धीरे-धीरे गिर रहे हैं 
मिट्टी के ढिबले में
खोये खोये जल रहे हैं
पीपल के पात हरे
धीरे-धीरे गिर रहे हैं 
धीरे-धीरे गिर रहे हैं 
धीरे-धीरे शाम आ रही हैं 

मिट्टी बरस ले के शंख चीखने लगे हैं
मिट्टी बरस ले के शंख चीखने लगे हैं
मर्द सब रिवाज़ से बँधे हुए   
सरल सपाट उँगलियों से
अपने अपने घर की साहिबान में
अपने अपने घर की साहिबान में
अपने अपने देवताओं के शबीहे लिख रहे हैं
औरतें हथेलियों से चाँद बुन रही हैं
औरतें हथेलियों से चाँद बुन रही हैं
दूध की कटोरियों से सूरजों की आत्मायें
मथ रही हैं
धीरे-धीरे जल रही हैं
धीरे-धीरे बुझ रही हैं
धीरे-धीरे रात आ गयी है
धीरे-धीरे धीरे-धीरे रात आ गयी है
धीरे-धीरे धीरे-धीरे धीरे-धीरे
..............................................................
Dheere dheere shaam aa rahi hai-Jumbish 1986

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Jun 29, 2017

काबुल से आया है-पाले खान १९८६

पंचम उर्फ आर डी बर्मन के संगीत में भारी आवाजों की
अर्थात बास नाम एलेमेन्ट की अधिकता शुरू से रही. ये
आपको नैयर के संगीत में भी प्रचुर मात्रा में मिलेगा.

एक गीत सन १९८६ में ऐसा आया जिसमें ये एलेमेन्ट
कुछ ज्यादा मात्रा में है, पाले खान का गीत जिसे आशा
ने गाया है.  आनंद बक्षी ने इस गीत को लिखा है. इसे
परदे पर प्रीति सप्रू नामक अभिनेत्री पर फिल्माया गया है.

काला कौवा आजकल शहरों में दिखाई नहीं देता है उसे
इस गीत के बहाने से ही याद कर लें. तीसरा अन्तरा इस
वीडियो से गायब है जिसमें बुलबुल का जिक्र है. सयानों ने
सोचा कि कौवे और बुलबुल का क्या कोम्बिनेशन इसलिए
उस हिस्से को उड़ा ही दिया. 
   
   

गीत के बोल:

हो ओ ओ हो ओ ओ हो ओ ओ
काबुल से आया है मेरा दिलदार
दिलबर यार  दिलबर यार  दिलबर यार
काबुल से आया है मेरा दिलदार
हो ओ ओ काबुल से आया है मेरा दिलदार
कितने दिनों के बाद करूँगी
आज मैं उस से प्यार
दिलबर यार  दिलबर यार  दिलबर यार
हो ओ ओ काबुल से आया है मेरा दिलदार
कितने दिनों के बाद करूँगी
आज मैं उस से प्यार
दिलबर यार  दिलबर यार  दिलबर यार
हो ओ ओ काबुल से आया है मेरा दिलदार
हो ओ ओ काबुल से आया है मेरा दिलदार


आज सवेरे मेरी छत पे काला कौवा बोला था
आज सवेरे मेरी छत पे काला कौवा बोला था
आयेगा महमान कोई धक से दिल मेरा डोला था
काजल डाला झाँझर बाँधी हो गयी मैं तैयार  यार
दिलबर यार  दिलबर यार  दिलबर यार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार


हाय  दरवाज़े पे दस्तक दे के उसने मेरा नाम लिया
दरवाज़े पे दस्तक दे के उसने मेरा नाम लिया
मैं ने झाँका खिडकी से तो उसने बाज़ू थाम लिया
करना चाहा तो भी कर न पाई मैं इन्कार  यार
दिलबर यार  दिलबर यार  दिलबर यार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार

हो बुलबुल आया बटुआ लाया बटुए में थे पैसे भी
बुलबुल आया बटुआ लाया बटुए में थे पैसे भी
पैसे मुझको क्या करने थे मैं तो खुश थी वैसे भी
अरे मर गई करते करते मैं ज़ालिम क इंतज़ार  यार
दिलबर यार  दिलबर यार  दिलबर यार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार

हो काबुल से आया है मेरा दिलदार
कितने दिनों के बाद करूँगी
आज मैं उस से प्यार
दिलबर यार  दिलबर यार  दिलबर यार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार
हो काबुल से आया है मेरा दिलदार
……………………………………………….
Kabul se aaya hai mera dildar-Paley Khan 1986

Artists: Preeti Sapru, Jackie Shroff

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Jun 17, 2017

दिन प्यार के आयेंगे सजनिया-सवेरे वाली गाडी १९८६

फिर एक बार मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा गीत सुनते हैं.
ये है लता मंगेशकर का गाया हुआ सवेरे वाली गाडी फिल्म
का गीत. इस फिल्म से आप पहले तीन गीत सुन चुके हैं.
लगे हाथ चौथा भी सुन लीजिए.

दूरदर्शन का चित्राहार कार्यक्रम इस गीत पर खूब मेहरबान
होता था एक ज़माने में. इस बहाने खूबसूरत पूनम ढिल्लों
और मीटर गेज़ की रेलगाड़ी के दर्शन हो जाते थे. फिल्म
की शूटिंग राजस्थान के इलाकों में हुई थी. इसका कथानक
ग्रामीण परिवेश से संबद्ध था.  फिल्म के गीत में नायिका
ट्रेन को देख के खुश होती है और ट्रेन नायिका को देख
कर.



गीत के बोल:

दिन प्यार के आयेंगे सजनिया
दिन प्यार के आयेंगे सजनिया
तेरी बहार लायेंगे सजनिया
आया है संदेसा ये सवेरे वाली गाडी में
मेरे दिलदार का
दिन प्यार के आयेंगे सजनिया
तेरी बहार लायेंगे सजनिया
आया है संदेसा ये सवेरे वाली गाडी से
मेरे दिलदार का

पड़ी कंकड़ी आँखों से निकल जायेगी
हो पड़ी कंकड़ी आँखों से निकल जायेगी
ये मैली चुनरिया मेरी बदल जायेगी
देखो मंडलाये कैसे बन की तितलियाँ
जैसे मैं हूँ फुलवा बहार का

हो दिन प्यार के आयेंगे सजनिया
तेरी बहार लायेंगे सजनिया
आया है संदेसा ये सवेरे वाली गाडी से
मेरे दिलदार का

तेरी राह में ओ साजन तेरी धुन में चूर
हो तेरी राह में ओ साजन तेरी धुन में चूर
खुली धूप में एक लाड़ी फिरी दूर दूर
मिल के सुनाऊंगी कैसे हंस हंस के
झेला मैंने दुःख इंतज़ार का

हो दिन प्यार के आयेंगे सजनिया
तेरी बहार लायेंगे सजनिया
आया है संदेसा ये सवेरे वाली गाडी से
मेरे दिलदार का

सुनो ऐ हवा कोई मेरा बुलाए मुझे
हो सुनो ऐ हवा कोई मेरा बुलाए मुझे
ये रुत और ये हरियाली ना भाये मुझे
बस रहा अब तो हमारी अँखियन में
सपना बलमवा के द्वार का

हो दिन प्यार के आयेंगे सजनिया
तेरी बहार लायेंगे सजनिया
आया है संदेसा ये सवेरे वाली गाडी से
मेरे दिलदार का
आया है संदेसा ये सवेरे वाली गाडी से
मेरे दिलदार का
……………………………………………………………….
Din pyar ke aayenge sajaniya-Savere waali gaadi 1986

Artist: Poonam Dhillon, Bharteey rail

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Apr 10, 2017

हमसे रूठा ना करो-त्रिवेणी १९८६

राज बब्बर की फ़िल्में और गज़लों का कुछ तो सम्बन्ध ज़रूर
है. प्रेम गीत फिल्म हो, निकाह, ऐतबार या जवाब, वे नायक
रहे हों फिल्म के या खलनायक ग़ज़लें ज़रूर हैं.

सन १९८५  की फिल्म जवाब में उन्होंने एक गायक की भूमिका
निभाई थी. इसका एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था-मितवा ओ
मितवा-पंकज उधास का गाया हुआ. 

आज जो गीत हम आपको सुनवा रहाअहे हैं वो टेक्निकली गीत
है या गज़ल ये आप डिसाइड करें. अनजान के लिखे गीत को
सुरेश वाडकर ने गाया है लक्ष्मी प्यारे के संगीत निर्देशन में.




गीत के बोल:

हमसे रूठा न करो रूठे नसीबों की तरह
हमसे रूठा न करो रूठे नसीबों की तरह
तुम तो गैरों से भी मिलते हो हबीबों की तरह
हमसे रूठा न करो रूठे नसीबों की तरह
तुम तो गैरों से भी मिलते हो हबीबों की तरह
हमसे रूठा न करो

तेरी चाहत तेरी सोहबत का ये करिश्मा है
तेरी चाहत तेरी सोहबत का ये करिश्मा है
ये करिश्मा है
बे-अदब करने लगे
बे-अदब करने लगे तुम भी अदीबो की तरह
हमसे रूठा न करो रूठे नसीबों की तरह
हमसे रूठा न करो

दोस्ती लफ्ज़ का मतलब दगा ना हो जाए
दोस्ती लफ्ज़ का मतलब दगा ना हो जाए
दगा ना हो जाए
बेवफाई न करो
बेवफाई न करो तुम भी रकीबों की तरह
हमसे रूठा न करो रूठे नसीबों की तरह
हमसे रूठा न करो

मैं मसीहा तो नहीं ऐ मेरी महबूब मगर
मैं मसीहा तो नहीं ऐ मेरी महबूब मगर
मेरी महबूब मगर
गम तेरे मैंने उठाये
गम तेरे मैंने उठाये हैं सलीबों की तरह
हमसे रूठा न करो रूठे नसीबों की तरह
तुम तो गैरों से भी मिलते हो हबीबों की तरह
हमसे रूठा न करो
हमसे रूठा न करो
...........................................................
Hamse rootha na karo-Triveni 1986

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Mar 24, 2017

प्यार किया है प्यार करेंगे-इलज़ाम १९८६

क्या आप जानते हैं कम्पूटर की किन कुंजियों का सबसे ज्यादा
प्रयोग होता है नेट पर-कंट्रोल + सी और कंट्रोल + एस. ब्राउज़र
के मेनू में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला आप्शन है-सेव एज़
हमारे देश में पुराना चलन है-किसी ने ५० ग्राम सूखे धनिये
का सब्जी पर प्रभाव विषय पर डॉक्टरेट की हुई होगी  तो उसी
को थोडा बदल कर अगला विषय होगा-५१ ग्राम धनिये का सब्जी
पर प्रभाव. ऐसे कर के १०० ग्राम के भार तक आपको ढेर सारी
थीसिस मिल जायंगी.

छोडिये ये सब, अगला गीत सुनते हैं. आखिर हमारे कुछ समर्पित
पाठक  कंट्रोल + एस का प्रयोग करने को बेताब हैं. गोविंदा और
नीलम पर फिल्माया गया गीत फिल्म इलज़ाम से है जिसमें दो
प्रेमी अपने प्रेम पर गर्व करते हुए जनता से कुछ यूँ मुखातिब हैं
ये भाव आप केवल फिल्मों में देख सकते हैं, सामान्य जीवन में
आम तौर पर इसकी कल्पना ही करना संभव है.





गीत के बोल:

ऐ प्यार किया है प्यार करेंगे दुनिया से अब तो हम ना डरेंगे
दुनिया की ऐसी की तैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
अरे प्यार किया है प्यार करेंगे दुनिया से अब तो हम ना डरेंगे
दुनिया की ऐसी की तैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
दिल दिया दिल लिया तो बुरा क्या किया
हे प्यार किया है प्यार करेंगे दुनिया से अब तो हम ना डरेंगे
दुनिया की ऐसी की तैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी

छुप के गुनाह तो दुनिया करे प्यार के सर इलज़ाम लगे
अरे छुप के गुनाह तो दुनिया करे प्यार के सर इलज़ाम लगे
चाल पे चाल ज़माना चले तोहमत यार के नाम लगे
हाँ अब तो भ्रम ये टूट चुका है अब तो भ्रम ये टूट चुका है
दुनिया ये दुनिया है कैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
दिल दिया दिल लिया तो बुरा क्या किया
हाँ प्यार किया है प्यार करेंगे दुनिया से अब तो हम ना डरेंगे
दुनिया की ऐसी की तैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी

प्यार का क्यूँ कोई मोल करे प्यार तो प्यार है सौदा नहीं
प्यार का क्यूँ कोई मोल करे प्यार तो प्यार है सौदा नहीं
यार का प्यार खरीदे यहाँ ऐसा हुआ कोई पैदा नहीं
अपने लहू का सौदा करे ये अपने लहू का सौदा करे ये
दुनिया ये दुनिया है ऐसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
दिल दिया दिल लिया तो बुरा क्या किया हाँ हाँ हाँ
हाँ प्यार किया है प्यार करेंगे दुनिया से अब तो हम ना डरेंगे
दुनिया की ऐसी की तैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी

प्यार पे ज़ुल्म तो होते रहे आज नहीं सदियों से यहाँ
प्यार पे ज़ुल्म तो होते रहे आज नहीं सदियों से यहाँ
प्यार ये मर के भी जिंदा रहे प्यार मिटाये मिटा है कहाँ
ऐ सूली चढा दे जिंदा जला दे सूली चढा दे जिंदा जला दे
ज़ुल्मों की परवाह है कैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
दुनिया ये दुनिया है ऐसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
दिल दिया दिल लिया तो बुरा क्या किया हाँ हाँ हाँ
हे प्यार किया है प्यार करेंगे दुनिया से अब तो हम ना डरेंगे
दुनिया की ऐसी की तैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
दुनिया की ऐसी की तैसी अरे दुनिया की ऐसी की तैसी
……………………………………………………………
Pyar kiya hai pyar karenge-Ilzaam 1986

Artists: Govinda, Neelam, Prem Chopda, Rajkiran, Anita Raj

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Dec 4, 2016

सांझ पड़े गाये दीवाना-सवेरे वाली गाडी १९८६

हरियाली और खुशहाली सीरीज़ के अंतर्गत अगला गीत पेश है फिल्म
सवेरे वाली गाडी से. गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म की कहानी
थोड़ी अलग हट के है. गीत भी अच्छे हैं मगर कहानी में निरंतरता का
अभाव और एडिटिंग कमजोर पहलू हैं फिल्म के.

गीत मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है और आर डी बर्मन इसके संगीतकार
हैं. किशोर कुमार गायक हैं. फिल्म के निर्देशक हैं भारती राजा जो गांव
वाली थीम पर यथार्थवादी फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर हैं. उनकी हिंदी
फिल्मों ने कोई विशेष करिश्मा नहीं किया बॉक्स ऑफिस पर मगर वे
तमिल सिनेमा क्षेत्र के लोकप्रिय निर्देशक हैं जिन्होंने कुछ तेलुगु फ़िल्में
भी निर्देशित कीं. उल्लेखनीय है उनकी तीन हिंदी फिल्मों में आर डी बर्मन
का संगीत है. सोलहवां सावन जो सन १९७९ में आई थी उसमें जयदेव
का संगीत है.



गीत के बोल:

सांझ पड़े गाये दीवाना लोगों कहीं सो ना जाना
गली गली चोर घूमें जागते रहना
सांझ पड़े गाये दीवाना लोगों कहीं सो ना जाना
गली गली चोर घूमें जागते रहना

तेरी मेरी मेहनत साथी फसल उगाए सोने की
मिला के माटी में रंगत खून पसीने की
तेरी मेरी मेहनत साथी फसल उगाए सोने की
मिला के माटी में रंगत खून पसीने की
फसल पके तो कोई आये सारा कुछ ले के जाए
गली गली चोर घूमें जागते रहना

लगे हर एक डाली यारा खड़ी हो जैसे कोई बाला
पहन के ओई की माला ओढ़े दुशाला
लगे हर एक डाली यारा खड़ी हो जैसे कोई बाला
पहन के ओई की माला ओढ़े दुशाला
दोल रही घूंघट में गोरी ये घूंघट हो ना चोरी
गली गली चोर घूमें जागते रहना

भरे तू खलिहान जिनका वो दें तुझे चार तिनका
तेरे लिए काल है और माल है उनका
भरे तू खलिहान जिनका वो दें तुझे चार तिनका
तेरे लिए काल है और माल है उनका
ये रीत और ये ज़माना बदले कब राम जाने
गली गली चोर घूमें जागते रहना

सांझ पड़े गाये दीवाना लोगों कहीं सो ना जाना
गली गली चोर घूमें जागते रहना
सांझ पड़े गाये दीवाना लोगों कहीं सो ना जाना
गली गली चोर घूमें जागते रहना
सांझ पड़े गाये दीवाना लोगों कहीं सो ना जाना
गली गली चोर घूमें जागते रहना
...................................................................
Sanjh pade gaye deewana-Savere wali gaadi 1986

Artists: Sunny Deol, Poonam Dhillon

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