तुम क्या जानो-'शिनशिनाकी बूबला बू १९५२
हो सकता है तो 'शिनशिनाकी बूबला बू' भी हो सकता है।
'शिनशिनाकी बूबला बू' फ़िल्म सन १९५२ में आई थी। ये गीत इस
फिल्म का बेहद कर्णप्रिय गीत है। आसानी से इस गीत को हम
लता मंगेशकर के सर्वश्रेष्ठ गीतों में गिन सकते हैं।
कम से कम वाद्य यंत्रों का प्रयोग कर संगीतकार सी रामचंद्र ने सारा
भार गायिका पर डाल दिया है और उन्होंने रत्ती भर भी निराश होने
की गुंजाईश नहीं छोड़ी है। ये गीत पुराने संगीत के प्रेमियों में
ख़ासा लोकप्रिय है।
इस गीत को लिखा है पी एल संतोषी उर्फ प्यारेलाल संतोषी ने।
गीत का वीडियो उपलब्ध नहीं है ।
गीत के बोल:
तुम क्या जानो
तुम क्या जानो,
तुम्हारी याद में
हम कितना रोये
हम कितना रोये
रैन गुजारी तारे गिन गिन
रैन गुजारी तारे गिन गिन
चैन से जब तुम सोये
हम कितना रोये
कितनी कलियाँ खिलीं चमन में
खिल के फिर मुरझा गयीं
बिरहन के इस भोले मन को
बार बार समझा गयीं
रो के जवानी काटी जिसने
रो के जवानी काटी जिसने
प्रीत के बीजे बोये
हम कितना रोये
तुम क्या जानो,
तुम्हारी याद में
हम कितना रोये
हम कितना रोये
कितने बादल घिरे गगन में,
घिर के फिर ना बरसे,
प्यास दबा कर दिल ही दिल में
कितना तड़पे तरसे
दर्द हमारा दिल जाने या
दर्द हमारा दिल जाने या
नैना खोये खोये
हम कितना रोये
तुम क्या जानो
तुम्हारी याद में
हम कितना रोये
हम कितना रोये
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Tum kya jaano-Shinshinaki bubla boo 1952
Artist: Vaijayantimala
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