Jun 13, 2009

अजी क़िबला मोहतरमा-फिर वही दिल लाया हूँ १९६३

सन ६३ की "फिर वही दिल लाया हूँ" एक सुपरहिट म्यूज़िकल फ़िल्म
थी। नासिर हुसैन की फ़िल्म में आशा पारेख जरूर मौजूद हुआ करती
थीं, बस हीरो बदलते रहते थे । ये सिलसिला काफ़ी समय तक चला।
नासिर हुसैन की ये निर्देशक के तौर पर दूसरी फ़िल्म थी। उनकी पहली
फ़िल्म "जब प्यार किसी से होता है" में देव आनंद हीरो की भूमिका में
थे।

इस फ़िल्म में एक और परिवर्तन हुआ वो संगीतकार का। संगीतकार
शंकर जयकिशन की जगह उन्होंने इस बार ओ पी नैयर को मौका दिया।
अब उनकी नायिका के लिए लता मंगेशकर की आवाज़ अनुपलब्ध थी।

ये गीत रफ़ी का गाया हुआ है और बहुत सुना गया ।



गीत के बोल:

अजी क़िबला, मोहतरमा, कभी शोला, कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का, हाय क्या कहना
अजी क़िबला, मोहतरमा, कभी शोला, कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना

अजी क़िबला, मोहतरमा, कभी शोला, कभी नगमा

उफ़ ये गुस्सा काली आँखें, हो रही है गुलाबी
आप की तो ये अदा है, और किसी की खराबी
अरे रे रे मैंने तुम्हे देखा, सिर्फ़ देखा मानिए कहना
मैंने तुम्हे देखा ,सिर्फ़ देखा मानिए कहना

अजी क़िबला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िबला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा

आरज़ू थी चंद लम्हे यूँ ही चलते फिरते
बेतक़ल्लुफ्फ़ हो के तुमसे चंद बातें करते
अरे रे रे तुम जो हसीं थे दिल ने चाहा साथ ही रहना
तुम जो हसीं थे दिल ने चाहा साथ ही रहना

अजी क़िबला, मोहतरमा, कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िबला, मोहतरमा, कभी शोला कभी नगमा
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Aji kibla mohtarma-Phir wahi dil laya hoon 1963

Artists: Asha Parekh, Joy Mukherji

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