तेरे नैना तलाश करे जिसे-तलाश १९६९
जो गीत सुनने में हमेशा आनंद देते हैं वैसे गीतों में इसे
शामिल कर लीजिये। मन्ना डे का गाया लाजवाब गीत फ़िल्म
तलाश से जिसे लिखा है मजरूह ने और धुन बनाई है सचिन देव
बर्मन ने। फ़िल्म में एक पार्टी के अवसर पर इस गाया जा रहा है।
थोड़ा अलग सा प्रयोग है। उस समय की फिल्मों में पार्टी के अवसर पर
धिनचक धिनचक धूम धडाक गीतों को दिखने की प्रतियोगिता सी होती
थी। ऐसे में एक शास्त्रीय संगीत आधारित गीत मिल जाए तो एक राहत की
बात कही जाएगी।
गाने के बोल:
खोयी खोयी आँख है झुकी पलक है
जहाँ जहाँ देखेगा तू वही झलक है
खोयी खोयी,
हाँ, तेरे नैना तलाश करे जिसे
वो है तुझी में कहीं दीवाने
तेरे नैना ...
यहाँ दो रूप हैं हर एक के
यहाँ नज़रें उठाना ज़रा देख के
ओ जब उस की मुहब्बत में गुम है तू
वही सूरत नज़र आयेगी चार सू
कौन क्या है मन के सिवा ये कोई क्या जाने
तेरे नैना ...
ये जवान रात ले के तेरा नाम
कहे हाथ बढ़ा कोई हाथ थाम
ओ काली अलका के बादल में बिजलियाँ
गोरी बाहों में चाहत की अंगड़ाइयाँ
जो अदा है इशारा है प्यार का
ओ दीवाने तुझे चाहिये और क्या
पर रुक जा मन की सदा भी सुन दीवाने
तेरे नैना ...
0 comments:
Post a Comment