कहना ही क्या-बॉम्बे १९९५
मैं कोशिश करूंगा एक बार जरूर। हम लोगों ने हारमोनियम
की बात की थी. इस गाने में भी सुंदर प्रयोग हुआ है इस
वाद्य यन्त्र का। १९९५ में आई इस लीक से हट कर बनी
फ़िल्म में संगीत है ऐ. आर. रहमान का । इस गाने को
गाया है चित्रा ने जो दक्षिण भारत की प्रसिद्ध गायिका हैं ।
चित्रा ने बॉम्बे फ़िल्म के पहले भी कई हिन्दी गीत गाये हैं
लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रियता उनके इस गाने को ही
प्राप्त हुई है। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में अरविन्द स्वामी
और मनीषा कोइराला हैं। ऐ. आर. रहमान इस फ़िल्म तक
दक्षिण भारतीय प्रभाव से मुक्त नहीं हुए हैं। आगे जब हम
ताल फ़िल्म के गाने पर चर्चा करेंगे तब इस पहलू पर गौर
करेंगे। फिलहाल इस गाने का आनंद उठायें।
गीत के बोल:
गुमसुम गुमसुम गुप चुप गुमसुम गुप चुप गुमसुम गुमसुम गुप चुप गुमसुम गुप चुप गुमसुम गुमसुम गुप चुप गुमसुम गुप चुप
हलचल हलचल हो गयी तेरी बैठे हैं गुप चुप
प्यारे प्यारे चेहरे ने करते हैं इशारा
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा
हमसे गोरी न तू शर्मा कह दे हमसे ज़रा
हमसे गोरी न तू शर्मा कह दे हमसे ज़रा
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमान नए ऐसे दिल में खिले
जिनको कभी मैं न जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी न मिले
कैसे मिले दिल न जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमान नए ऐसे दिल में खिले
जिनको कभी मैं न जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी न मिले
कैसे मिले दिल न जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ
हो जाते हैं यूँ गुम
नैनों से बरसे रिमझिम रिमझिम
हमपे प्यार का सावन
शर्म थोड़ी थोड़ी हमको आये तो नज़रें झुक जाएँ
सितम थोडा थोडा हमपे शोख हवा भी कर जाएँ
ऐसी चले आँचल उठे दिल में एक तूफ़ान उठे.
हम तो लुट गए खड़े ही खड़े
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमान नए ऐसे दिल में खिले
जिनको कभी मैं न जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी न मिले
कैसे मिले दिल न जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ
गुमसुम गुमसुम गुप चुप गुमसुम गुप चुप
हलचल हलचल हो गयी, तेरी होंठ हैं क्यूँ चुप
हलचल हलचल हो गयी, तेरी बैठे हैं गुप चुप
प्यारे प्यारे चेहरे ने करते हैं इशारा
देखा तेरी आँखों ने है सपना कोई प्यारा
हमसे गोरी न तू शर्मा कह दे हमसे ज़रा
हमसे गोरी न तू शर्मा कह दे हमसे ज़रा
तू और तेरा ही प्यार है
आज ढूंढें है जिसको हरदम हरदम
तू और तेरा ही प्यार है
महफ़िल में भी तनहा है दिल ऐसे दिल ऐसे
तुझको खो न दे डरता है ये ऐसे ये ऐसे
आज मिली ऐसी खुशी झूम उठी दुनिया ये मेरी
तुमको पाया तो पायी जिंदगी
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
अरमान नए ऐसे दिल में खिले
जिनको कभी मैं न जानूं
वो हमसे हम उनसे कभी न मिले
कैसे मिले दिल न जानूं
अब क्या करें क्या नाम लें
कैसे उन्हें मैं पुकारूँ
चलने लगे मोहब्बत के जैसे ये सिलसिले
कहना ही क्या
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