कोई चुपके से आके-अनुभव
गीता दत्त के गाये कुछ गानों के बारे में बात करेंगे ।
बात ऐसी है कि अगर गानों में आत्मा होती हो तो वो गीता दत्त के
गाये गानों में अवश्य ही होती होगी. इस गाने को जितनी बार भी सुनो
जी नहीं भरता। एक गज़ब की कशिश है गीता की आवाज़ में।
फ़िल्म का नाम अनुभव है। गीता दत्त के आखिरी कुछ नग्मों में से एक है ये।
एक अबुझ प्यास का भाव है आवाज़ में। अगर गीता की ज़िन्दगी का
घटनाक्रम सही चला होता तो हम लोगों को आज गीता के गीतों का
बड़ा खजाना मिला होता। लेकिन जो हम सोचते हैं या चाहते हैं वैसा
हमेशा होता नहीं । कुल १२०० के लगभग गीता के गाये हिन्दी नग्मों
में बहुत से संगीत रसिकों की पहुँच के बहार हैं.
गीतकार : कपिल कुमार
संगीतकार : कनु रॉय
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