मांगने से जो मौत मिल जाती-सुनहरे कदम १९६६
बल्कि जो गाने श्रोताओं को सुनने को नहीं मिले या गाने के
जिस पहलू से श्रोता वाकिफ नहीं हैं उन्हें सामने लाना है और
अच्छे गीतों, कलाकारों और साजिन्दों पर रौशनी डालना है।
इसी श्रेणी में एक गीत पेश है - 'मांगने से जो मौत मिल जाती '
ये गाना फ़िल्म 'सुनहरे कदम' से लिया गया है। इस गीत के
संगीतकार बुलो सी. रानी हैं। इन्होंने कई फिल्मों में संगीत
दिया है , अच्छे गाने भी बनाये हैं, मगर, फिल्मी पत्रकार इनका
नाम कभी याद नहीं किया करते हैं। ये तो संगीतप्रेमी हैं जो उनको
कभी कभार याद कर लेते हैं। शशिकला के ऊपर फिल्माए गए
सबसे कर्णप्रिय गानों में से एक है ये। इस फ़िल्म में रहमान और
शशिकला मुख्य कलाकार हैं ।
गाने के बोल :
मांगने से जो मौत मिल जाती
कौन जीता इस ज़माने में
दर्द होता न बेकली रोती
दम न घुटता इन वीराने में
मांगने से जो मौत मिल जाती
कौन जीता इस ज़माने में
आँसूओं की शमा से ग़र,
ग़म की तारीखियाँ मिटती
तुझ को ख़ुशियों की रौशनी होती
ज़िंदगी के इस फ़साने में
माँगने से जो मौत मिल जाती,
कौन जीता इस ज़माने में
आरज़ूओं के जनाज़े को,
ले के कांधे पे हम घूमे
चल के मंजिल जो आई मिलने को,
हम ही न रहे इस ज़माने में
माँगने से जो मौत मिल जाती,
कौन जीता इस ज़माने में
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Mangne se jo maut mil jaati-Sunehre Kadam 1966
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