मोरनी बागां मां बोले- लम्हे १९९१
बहुत ज्यादा मौका मिला टी वी पर आने का वो है इला अरुण।
इला अरुण ने राजस्थानी लोक संगीत पर शोध किया है। शोध करने
में और प्रस्तुति में फर्क होता है। मूल राजस्थानी लोक गीत गायकों
की आवाज़ ज्यादा कर्णप्रिय है और उन आवाजों में बनावटीपन कतई
सुनाई नहीं पड़ता है ।
एक गाने में इला अरुण की आवाज़ का इस्तेमाल किया गया है वो है
"मोरनी, बागां में बोले आधी रात मां ....."
लता मंगेशकर मुख्य गायिका हैं इस गाने की, और ये गाना बहुत
प्रसिद्ध भी हुआ जिसका फ़ायदा इला अरुण को हुआ और उनको बॉलीवुड
में बहुतेरे गाने मिले बाद में। गाना लिखा है आनंद बक्षी ने और धुन बनाई है
शिव-हरि ने। गीत का फिल्मांकन बढ़िया है और ये राजस्थान के माहौल को
काफ़ी हद तक बना देता है।
गीत के बोल :
मोरनी बागां मां बोले आधी रात मां
छनन छन चूडियाँ खनक गयीं देख साहिबा
चूडियाँ खनक गयीं हाथ मां
मैं तो लाज के मारे हो गयी पानी पानी
सब लोगों ने सुन ली मेरी प्रेम कहानी
मुंह से बात निकल गयी बात बात मां
बात बात मां
छनन छन चूडियाँ खनक गयीं देख साहिबा
चूडियाँ खनक गयीं हाथ मां
जाने कौन घडी में निकले साजन घर से
मैं घूंघट में जाऊं गयी कितने सावन बरसे
मेरी प्यास न बुझे रे बरसात मां,
बरसात मां
छनन छन चूडियाँ खनक गयीं देख साहिबा
चूडियाँ खनक गयीं हाथ मां
सूनी सेज पे सैयां सारी रात मैं जागी
तेरे पीछे पीछे मेरी नींद तो भागी
मेरा चैन भी गया रे तेरे साथ मां
तेरे साथ मां
छनन छन चूडियाँ खनक गयीं देख साहिबा
चूडियाँ खनक गयीं हाथ मां
ओ मेरा नेहरा छूटे रे म्हारी छाती फूटे ढोला
ओ ढोला मत जा
रे ढोला मत जा
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Morni baagan main bole adhi raat-Lamhe 1991
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