गुलाबी ऑंखें जो तेरी देखीं - दी ट्रेन १९७०
टांगों से ज्यादा अच्छी तरह से हिला करती थी। इस गाने को
देख कर तो कमसे कम यही अनुमान लगाया जा सकता है।
रवि नगाइच द्वारा निर्देशित और रमेश बहल द्वारा निर्मित इस
फ़िल्म में संगीत है आर. डी. बर्मन का। राजेश खन्ना और नंदा
की जोड़ी कुछ फिल्मों में आई थी जिनमे इत्तेफाक , दी ट्रेन और
जोरू का गुलाम प्रमुख हैं। गाना लोकप्रिय गाना है अपने ज़माने
का।
ऐसा लगता है कि डांस डाईरेक्टर गाने की बीट्स से तादतम्य बिठाने
के लिए बार बार लोकेशन बदल रहा और पी टी एक्ससरसाइज़ जैसे
स्टेप्स डालने की कोशिश में है।
गाने के बोल:
ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला, ला ला ला
गुलाबी आँखें, जो तेरी देखी
शराबी यह दिल हो गया
संभालो मुझको, ओ मेरे यारों
संभलना मुश्किल हो गया
दिल में मेरे, ख्वाब तेरे
तस्वीरें जैसे हों दीवारों पे
तुझपे फ़िदा मैं क्यूं हुआ
आता है गुस्सा मुझे प्यार पे
मैं लुट गया, मान के दिल का कहा
मैं कहीं का न रहा
क्या कहूं मैं दिलरुबा
बुरा ये जादू तेरी आंखों का
यह मेरा कातिल हो गया
गुलाबी आँखें, जो तेरी देखी
शराबी यह दिल हो गया
मैंने सदा, चाहा ये ही
दामन बचा लूँ हसीनों से मैं
तेरी कसम, ख़्वाबों में भी
बचता फिरा नाज़नीनों से मैं
तौबा मगर, मिल गई तुझसे नज़र
मिल गया दर्द-ऐ-जिगर
सुन ज़रा ओ बेखबर
ज़रा सा हँस के, जो देखा तुने
मैं तेरा बिस्मिल हो गया
गुलाबी आँखें, जो तेरी देखी
शराबी यह दिल हो गया
संभालो मुझको ओ मेरे यारों
संभालना मुश्किल हो गया
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Gulabi ankhen jo teri dekhi-The Train 1970
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