है अपना दिल तो आवारा-सोलवा साल १९५८
फिल्म सोलवा साल के जिस चर्चित गीत का जिक्र हमने पिछली
एक पोस्ट में किया वो इधर है। हेमंत कुमार के गाये इस गीत में
एस डी बर्मन के सुपुत्र पंचम ने 'माउथ ऑर्गन' बजाया है। हिंदी
गीतों में दिल आवारा भी हो जाया करता है गोया कि वो आवारा
पशु है जो कहीं भी मुंह मार लिया करता हो। अगर गीत की पंक्ति
कुछ इस तरह होती- ना जाने किस-किस पे आएगा ? तो ज़रूर
ये आवारागर्दी वाला गीत बन जाता मगर ये सोबर गीतों की सूची
में आता है। हेमंत कुमार की आवाज़ वाले गीत वैसे भी सोबर सुनाई
देने लगते हैं।
फ़िल्म: सोलवां साल
वर्ष: 1958
गीत : मजरूह सुल्तानपुरी
संगीत : एस डी बर्मन
गायक : हेमंत कुमार
कलाकार: देव आनंद, वहीदा रहमान
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गाने के बोल:
है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा
हसीनों ने बुलाया, गले से भी लगाया
बहुत समझाया, यही न समझा
बहुत भोला है बेचारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा
अजब है दीवाना, न घर ना ठिकाना
ज़मीं से बेगाना, फलक से जुदा
ये एक टूटा हुआ तारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा
ज़माना देखा सारा, है सब का सहारा
ये दिल ही हमारा, हुआ न किसी का
सफ़र में है ये बंजारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा
हुआ जो कभी राज़ी, तो मिला नहीं काज़ी
जहाँ पे लगी बाज़ी, वहीं पे हारा
ज़माने भर का नाकारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा
है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आएगा
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Hai apna dil to awara-Solva Saal 1958
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