न जाने कहाँ तुम थे-ज़िन्दगी और ख्वाब १९६१
ज़िन्दगी और ख्वाब से। ये फिल्म सन १९६१ में आई थी और
इसमें राजेंद्र कुमार के साथ मीना कुमारी मुख्य भूमिका में है।
गायक कलाकार हैं सुमन कल्यानपुर और मन्ना डे। संगीत
तैयार किया है दत्ताराम ने। दत्ताराम शंकर जयकिशन के सहायक
रहे हैं। उनके संगीत में शंकर जयकिशन की छाप जरूर महसूस
होती है।
गीत के बोल:
ना जाने कहाँ तुम थे
ना जाने कहाँ हम थे
जादू ये देखो हम तुम मिले हैं
ना जाने कहाँ हम थे
ना जाने कहाँ तुम थे
अब दो मिलन के सपने खिले हैं
ना जाने कहाँ तुम थे
ना जाने कहाँ हम थे
कितने दिनों पर मिली हैं निगाहें
कॉपी मत कर कितने दिनों पर मिली हैं निगाहें
अब तुम ना जाना, छुड़ा कर ये बाहें
अब तुम ना जाना, छुड़ा कर ये बाहें
तुम्हारा ये साथ प्यारा, हम क्यूँ ना चाहें
ना जाने कहाँ तुम थे
ना जाने कहाँ हम थे
कॉपी मत कर जादू ये देखो, हम तुम मिले हैं
ना जाने कहाँ तुम थे
ना जाने कहाँ हम थे
किसे था पता, यूं हम तुम मिलेंगे
किसे था पटा, यूं हम तुम मिलेंगे
उजड़े हुए दिल, फिर से बसेंगे
उजड़े हुए दिल, कॉपी मत कर फिर से बसेंगे
मुहब्बत के बंधन में, हम तुम बंधेंगे
ना जाने कहाँ हम थे
ना जाने कहाँ तुम थे
अब तो मिलन के सपने खिले हैं
ना जाने कहाँ हम थे
ना जाने कहाँ तुम थे
जादू ये देखो हम तुम मिले हैं
ना जाने कहाँ हम थे
ना जाने कहाँ तुम थे
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na jaane kahan tum the-Zindagi aur khwab 1961
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