रजनीगंधा फूल तुम्हारे-रजनीगंधा १९७४
रजनीगंधा निर्देशित की थी बासु चटर्जी ने। १९७४ में आई इस फ़िल्म
ने फ़िल्म फेयर में सर्वश्रेष्ट फ़िल्म का पुरस्कार जीता। ये आलोचकों द्वारा
भी उतनी ही सराही गई जितनी की आम दर्शक द्वारा। इस फ़िल्म में
अमोल पालेकर, विद्या सिन्हा और दिनेश ठाकुर की मुख्य भूमिकाएं हैं।
ये अमोल पालेकर की पहली हिन्दी फ़िल्म थी। विद्या सिन्हा का फ़िल्म
जगत में पदार्पण भी इसी फ़िल्म के जरिये हुआ। एक बहुत मधुर और
लोकप्रिय गीत है इस फ़िल्म से जो की शीर्षक गीत भी है फ़िल्म का ।
इसको लता मंगेशकर ने गाया है।
गाने के बोल:
रजनीगंधा फूल तुम्हारे
महके यूँ ही जीवन में
जैसे महके प्रीत पिया की
मेरे अनुरागी मन में
रजनीगंधा...
हर पल मेरी इन आँखों में
बस रहते हैं सपने उनके
मन कहता है मैं रंगों की
एक प्यार भरी बदली बनकर
बरसूँ उनके जीवन में
रजनीगंधा...
अधिकार ये जबसे साजन का
हर धड़कन पर माना मैंने
मैं जबसे उनके साथ बंधी
ये भेद तभी जाना मैंने
कितना सुख है बंधन में
रजनीगंधा फूल तुम्हारे
महके यूँ ही जीवन में
जैसे महके प्रीत पिया की
मेरे अनुरागी मन में
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Rajnigandha phool tumhare-Rajnigandha 1974
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