दिल जलता है-पहली नज़र १९४५
तकरीबन हर गायक कलाकार ने ४० और ५० के दशक में एक न एक
बार सहगल की आवाज़ की नक़ल की कोशिश अवश्य की। ये बात अलग है कि
सी एच आत्मा के अलावा उनके नज़दीक कोई नहीं पहुँचा। ये मुकेश की
आवाज़ में एक गीत है पहली नज़र फ़िल्म से जिसका संगीत अनिल बिश्वास
द्वारा तैयार किया गया है। बोल लिखे हैं शायर आह सीतापुरी ने। गीत शानदार है
और इसकी ये पंक्तियाँ आज भी गूंजती हैं कानों में :
मासूम नजर के तीर चला
बिस्मिल को बिस्मिल और बना
गाने के बोल:
दिल जलता है तो जलने दे
आँसू ना बहा फ़रियाद ना कर
दिल जलता है तो जलने दे
आँसू ना बहा फ़रियाद ना कर
दिल जलता है तो जलने दे
तू परदानशीं का आशिक़ है
यूं नाम-ए-वफ़ा बरबाद ना कर
दिल जलता है तो जलने दे
मासूम नजर के तीर चला
बिस्मिल को बिस्मिल और बना
मासूम नजर के तीर चला
बिस्मिल को बिस्मिल और बना
अब शर्म-ओ-हया के परदे में
यूं छुप छुप के बेदाद ना कर
अब शर्म-ओ-हया के परदे में
यूं छुप छुप के बेदाद ना कर
दिल जलता है तो जलने दे
हम आस लगाये बैठे हैं
तुम वादा करके भूल गये
हम आस लगाये बैठे हैं
तुम वादा करके भूल गये
या सूरत आ के दिखा जाओ
या कह दो हमको याद ना कर
या सूरत आ के दिखा जाओ
या कह दो हमको याद ना कर
दिल जलता है, दिल जलता है,
दिल जलता है ...
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