वो तो है अलबेला-कभी हाँ कभी ना १९९३
का नाम है कभी हाँ कभी ना। इसका एक मधुर गीत पेश है आज
आपके लिए। हीरो सुनील फ़िर से स्कूल के इम्तिहान में फ़ेल हो
गया है मगर नकली मार्कशीट प्राप्त करके थोडी देर के लिए सबको
खुश कर देता है। अंत में वही होता है सच्चाई की जीत जिसके
फलस्वरूप सबका मूड ख़राब हो जाता है। बाप कहता है- मेरी
नज़रों से दूर हो जा । उस नाकारा समझे जाने वाले बेटे के लिए
उसकी माँ गाना शुरू करती है-वो तो है अलबेला। गाने में लगभग
सभी मेहमान जो पार्टी में शरीक हुए हैं, साथ देते हैं।
गाना ख़त्म होने तक वो फ़िर से सबका लाडला अलबेला बन जाता है।
बाप का रोल अंजन श्रीवास्तव ने निभाया है। इस गाने में मुख्य स्वर हैं
कुमार सानु और देवकी पंडित के। संगीत दिया है जतिन ललित ने।
बोल लिखे हैं मजरूह सुल्तानपुरी ने ।
गाने के बोल:
वो तो है अलबेला,हजारों में अकेला
वो तो है अलबेला,हजारों में अकेला
सदा तुमने एब देखा हुनर को न देखा
वोह तो है अलबेला, हजारों में अकेला
सदा तुमने सेब देखा, हुनर को न देखा
फुरसत मिली न तुम्हें, अपने जहाँ से
उसके भी दिल की कभी समझते कहाँ से
फुरसत मिली न तुम्हें, अपने जहाँ से
उसके भी दिल की कभी समझते कहाँ से
जाना है जिसे पत्थर, हीरा है वो तो हीरा
सदा तुमने एब देखा, हुनर को न देखा
वो तो है अलबेला,हजारों में अकेला
वो तो है अलबेला,हजारों में अकेला
बंशी को लकड़ी सदा समझा किए तुम
पर उसके नगमो की धुन कहाँ सुन सके तुम
बंशी को लकड़ी सदा समझा किए तुम
पर उसके नगमो की धुन कहाँ सुन सके तुम
दिए की बाती देखी, देखी न उसकी ज्योति
सदा तुमने सेब देखा, हुनर को न देखा
वो तो है अलबेला,हजारों में अकेला
वो तो है अलबेला,हजारों में अकेला
सदा तुमने एब देखा, हुनर को न देखा
वो तो है अलबेला,हजारों में अकेला
वो तो है अलबेला
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Wo to hai albela-Kabhi haan kabhi naa 1993
Artists: Shahrukh Khan, Anjan Shrivastava,
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