गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो-प्यार किए जा १९६६
शशि कपूर के ऊपर फिल्माया गया और रफी का गाया हुआ
एक हल्का फुल्का गीत पेश है। 'प्यार किए जा' फ़िल्म का ये गीत
थोड़ा कम लोकप्रिय था मगर सुनने में लाजवाब है। 'प्यार किए जा'
एक कॉमेडी फ़िल्म है जिसमे शशि कपूर और किशोर कुमार हीरो
हैं । गाने की धुन बनाई है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने। इस फ़िल्म के और
गीतों पर जिक्र आगे होगा, पढ़ते रहिये ये ब्लॉग
-हिन्दी फ़िल्म संगीत का खजाना।
गाने के बोल:
गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो
हाज़िर है ये बंद हुकम करो
गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो
हाज़िर है ये बंद हुकम करो
ओ, गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो
हाज़िर है ये बंद हुकम करो
तुम्हारी कंवारी कलाई को दाग न लगे
गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो
हाज़िर है ये बंद हुकम करो
जानेमन इन हाथों में तो मेहँदी का रंग लगना है
हाय, प्यार की रंगत से तेरा नाज़ुक अंग अंग सजना है
है कौन सी ऐसी मजबूरी
जो हुस्न करे ये मजदूरी
तुम्हारी कंवारी कलाई को दाग न लगे
गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो
हाज़िर है ये बंद हुकम
महलों की तुम रानी हो मैं प्रीत नगर का शहजादा
बाँट ले हम क्यूँ न दोनों धन अपना आधा आधा
हम काम करें तुम राज़ करो मंज़ूर तो हाथ पे हाथ धरो
तुम्हारी कंवारी कलाई को दाग न लगे
गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो
हाज़िर है ये बंद हुकम करो
गुस्से में जो उलझी है आओ तो वो लट मैं सुलझा दूँ
हाय, छेड़े जो जुल्फें तेरी उस शोख हवा को रुकवा दूँ
देखो न यूँ ऑंखें मॉल मॉल के, पड़ जायेंगे धब्बे काजल के
तुम्हारी कंवारी कलाई को दाग न लगे
गोरे हाथों पे न ज़ुल्म करो
हाज़िर है ये बंद हुकम करो
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Gore hathon par na zulm karo-Pyar kiye ja 1966
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