आज की रात पिया-बाज़ी १९५१
एक मधुर गीत सुनहरे युग से। गीता दत्त की मनमोहक
आवाज़ में ये गीत है फ़िल्म बाज़ी में। अबिनेत्री कल्पना कार्तिक
हैं जो आगे चल कर देव आनंद की जीवन संगिनी बनीं । इस गाने
की दृश्यावली सुंदर है । ये भी अपने ज़माने का एक घिसा हुआ गाना
है और अभी भी पुराने रेडियो चैनल पर नियमित रूप से सुनाई देता है।
गाने को सुनने पर ऐसा लगता है नायक नायिका डेट पर गए हों और
नायिका गुज़ारिश कर रही है नायक से कि इस रात का कबाड़ा मत करो।
गाने के बोल :
आज की रात पिया
आज की रात पिया
दिल न तोड़ो
मन की बात पिया मान लो
आज की रात पिया
दिल न तोड़ो
मन की बात पिया मान लो
आज की रात पिया
दिल की कहानी अपनी जुबानी
तुमको सुनाने आई हूँ
दिल की कहानी अपनी जुबानी
तुमको सुनाने आई हूँ
आँखों में लेके सपने सुहाने
अपना बनने आई हूँ
छोडके साथ पिया मुहँ न मोडो
मन की बात पिया मान लो
आज की रात पिया
दिल न तोड़ो
मन की बात पिया मान लो
आज की रात पिया
चन्दा भी देखे, तारें भी देखें
हमको गगन की ओट से
चन्दा भी देखे, तारें भी देखें
हमको गगन की ओट से
घायल किया है दिल तुमने मेरा
मीठी नज़र की चोट से
थाम के हाथ पिया यूँ न छोडो
मन की बात पिया मान लो
आज की रात पिया
दिल न तोड़ो
मन की बात पिया मान लो
आज की रात पिया
0 comments:
Post a Comment