तुम मुझे भूल भी जाओ-दीदी १९५९
सुधा मल्होत्रा को बहुत नाम दिलाया। आज भी सुधा मल्होत्रा का
जिक्र होने पर संगीत प्रेमियों को सबसे पहले उनका यही गीत याद
आता है। इसके बोल लिखे हैं साहिर लुधियानवी ने और धुन बनाई है
संगीतकार एन दत्ता ने।
ये सदाबहार गीत आज भी सुनो तो ताजा सा लगता है । गीत में सुधा
का साथ दिया है गायक मुकेश ने। नायिका है शुभा खोटे। सुनील दत्त
को तो आप पहचान ही गए होंगे।
ज़िन्दगी प्यार मोहब्बत के सिवा कुछ और भी है, यही संदेश देता है
ये गाना ;)
गाने के बोल:
सुधा: तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
मेरे दिल की मेरे, जज़बात की कीमत क्या है
उलझे-उलझे से, खयालात की कीमत क्या है
मैंने क्यूं प्यार किया, तुमने न क्यूं प्यार किया
इन परेशान सवालात की कीमत क्या है
तुम जो ये भी न बताओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है, मैंने तो मुहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
मुकेश: ज़िन्दगी सिर्फ़ मुहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फ़-ओ-रुख़सार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क़ ही एक हक़ीकत नहीं कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैंने तुमसे ही नहीं, सबसे मुहब्बत की है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
सुधा: तुमको दुनिया के ग़म-ओ-दर्द से फ़ुरसत ना सही
सबसे उलफ़त सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही
मैं तुम्हारी हूँ यही मेरे लिये क्या कम है
तुम मेरे हो के रहो ये मेरी क़िस्मत ना सही
और भी दिल को जलाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
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Tum mujhe bhool bhi jai-Didi 1959
Artists: Sunil Dutt, Shubha Khote
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