Nov 2, 2009

ढोलना- दिल तो पागल है १९९७

कुछ गीत ऐसे होते हैं जो केवल एक शब्द से पहचाने जाते हैं ।
ऐसा ही एक उदहारण है फ़िल्म दिल तो पागल है का ये गीत -
"ढोलना" । गाना शुरू होता है इन बोलों से-कब तक चुप बैठें,
अब तो कुछ है बोलना। ढोलना और इसकी धुन के अलावा आप
चाहें तो कुछ भी याद न रखें , काम चल जाएगा। ९० के दशक का
एक हिट गीत है ये। लता मंगेशकर और उदित नारायण का गाया
ये गीत लिखा है आनंद बक्षी ने और धुन बनाई है उत्तम सिंह ने।



गाने के बोल:

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
ला ला ला ला ला
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना
मर जाना था यह भेद नहीं था खोलना
ओ ढोलना
ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना

दो चार कदम पे तुम थे, दो चार कदम पे हम थे
दो चार कदम पे तुम थे, दो चार कदम पे हम थे

दो चार कदम ये लेकिन, सौ मीलों से क्या कम थे
फिर उसपे कदम कदम पे दिल का डोलना
हाय डोलना
ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
आ आ आ
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना

लो जीत गए तुम हमसे, हम हार गए इस दिल से
लो जीत गए तुम हमसे, हम हार गए इस दिल से
आया है आज लबों पे यह प्यार बड़ी मुश्किल से
इस प्यार में हमको पागल न कर छोड़ना
न छोड़ना,
ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
ला ला ला ला ला
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना
मर जाना था यह भेद नहीं था खोलना
ओ ढोलना
ओ ढोलना

कब तक चुप बैठे अब तो कुछ है बोलना
कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले ओ ढोलना
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Kab tak chup...Dholna-Dil to pagal hai 1997

Artists: Shahrukh Khan, Madhuri Dixit

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