सैयां दिल में आना रे- बहार १९५१
बहुत सालों तक इसको ऐसे ही पहचाना । फ़िर एक दिन तय किया कि
"ढम ढमा ढमा ढम" के अलावा इस गीत में क्या है। 'छम छमा छम छम'
सुनाई देने लगा। ये गीत आकर्षक धुन में पिरोया हुआ है इसलिए इसकी
धुन याद रह गई। धीरे धीरे ये गीत पसंद आने लगा। पसंद आने लगा
तब इसके कर्ता धर्ताओं के बारे में भी पता चला। शमशाद बेगम का गाया
ये गीत , जैसा कि उस समय के लोग बताते हैं, बहुत बजा करता था और
५० के दशक के युवाओं को बेहद पसंद था। इस गीत में आपको युवा
वैजयंतीमाला नाचती दिखेंगी। गीत लिखा है राजेंद्र कृष्ण ने और धुन
बनाई है सचिन देव बर्मन ने। इस लोकप्रिय गीत के बाद शमशाद बेगम
की आवाज़ बर्मन के संगीत में नहीं सुनाई पड़ी। ६-७ गाने तो शमशाद ने
जरूर गाये बर्मन के संगीत निर्देशन में १९६० तक मगर वो सब सुनाई नहीं
दिए। फिल्मों के नाम तक सुनाई नहीं दिए -मिस इंडिया , बेवक़ूफ़ इत्यादि।
१९५१ के बाद शमशाद के जितने भी लोकप्रिय गाने आए वो ओ पी नय्यर
द्वारा संगीतबद्ध हैं।
गाने के बोल:
सैयां दिल में आना रे
आके फ़िर न जाना रे
ओ, आके फ़िर न जाना रे
छम छमा छम छम
राजा बनके आना रे
मोहे लेके जाना रे
ओ, मोहे लेके जाना रे
छम छमा छम छम
चांदनी रात होगी, तारों की बारात होगी
चांदनी रात होगी, तारों की बारात होगी
पहले पहले प्यार की पहली पहली बात होगी
पहले पहले प्यार की पहली पहली बात होगी
खुशी खुशी गायेंगे हम गीत सुहाना रे
सैयां दिल में आना रे
आके फ़िर न जाना रे
ओ, आके फ़िर न जाना रे
छम छमा छम छम
थोड़ी थोड़ी खेल होगी थोड़ा थोड़ा प्यार होगा
थोड़ी थोड़ी खेल होगी थोड़ा थोड़ा प्यार होगा
कभी इकरार होगा कभी इन्कार होगा
कभी इकरार होगा कभी इन्कार होगा
तेरा मनाना, मेरा रूठ जाना रे
सैयां दिल में आना रे
आके फ़िर न जाना रे
ओ, आके फ़िर न जाना रे
छम छमा छम छम
तुम मेरे पास होगे गम बड़ी दूर होगा
तुम मेरे पास होगे गम बड़ी दूर होगा
कहता है जिया मेरा होगा ज़रूर होगा
कहता है जिया मेरा होगा ज़रूर होगा
लाना रे लाना तशरीफ़ लाना रे
सैयां दिल में आना रे
आके फ़िर न जाना रे
ओ, आके फ़िर न जाना रे
छम छमा छम छम
राजा बनके आना रे
मोहे लेके जाना रे
ओ, मोहे लेके जाना रे
छम छमा छम छम
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Saiyan dil mein aana re-Bahar 1951
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