देखो दिन ये न ढलने पाये - भावना - १९८१
एक गीत फ़िल्म भावना से जो १९८४ में आई थी। ये फ़िल्म मैंने सिर्फ़
शबाना आज़मी की एक्टिंग के लिए देखी थी। मार्क ज़ुबेर नाम के कलाकार
भी हैं इस फ़िल्म में। इस फ़िल्म में शबाना के चरित्र का नाम ही 'भावना' है।
गीत गाया है आशा भोंसले ने और इसकी धुन बनाई है बप्पी लहरी ने।
बोल हैं कैफ़ी आज़मी के ।
गीत के बोल :
देखो दिन ये न ढलने पाये
हर पल एक सदी हो जाए
देखो दिन ये न ढलने पाये
हर पल एक सदी हो जाए
इस दिल में, इस घर में,
तुझ बिन थे दुःख छाये
तू आया तो सुख आए
देखो दिन ये न ढलने पाये
हर पल एक सदी हो जाए
इस दिल में, इस घर में,
तुझ बिन थे दुःख छाये
तू आया तो सुख आए
वक्त मेहरबान हो और तू जवान हो
वक्त मेहरबान हो और तू जवान हो
नन्ही सी तू जान है,
भोला और नादान है
दुःख में डूबी कहानियाँ
तुझसे कहूं या न कहूं
दुःख में डूबी कहानियाँ
तुझसे कहूं या न कहूं
देखो दिन ये न ढलने पाये
हर पल एक सदी हो जाए
इस दिल में, इस घर में,
तुझ बिन थे दुःख छाये
तू आया तो सुख आए
ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला
अश्क पी लिए हैं
होंठ सी लिए हैं
अश्क पी लिए हैं
होंठ सी लिए हैं
रखा तुझको राज़ में
नगमा जैसे साज़ में
तू तो सुन ले सदा मेरी
दुनिया सुने या न सुने
तू तो सुन ले सदा मेरी
दुनिया सुने या न सुने
देखो दिन ये न ढलने पाये
हर पल एक सदी हो जाए
इस दिल में, इस घर में,
तुझ बिन थे दुःख छाये
तू आया तो सुख आए
ला ला ला ला ला ला ला ला......
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