किसी को पता ना चले-लुटेरा १९६५
उनमे से एक लोकप्रिय गीत पेश है फ़िल्म लुटेरा से जो १९६५ में
आई थी। इस गीत को गाया है लता मंगेशकर ने और धुन बनाई है
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने। इसको शायद पुराने संगीत प्रेमियों ने
बहुत दिन से नहीं सुना होगा।
कैची सी धुन पे बना खूब बजा हुआ गीत है ये अपने ज़माने का ।
गाने के बोल:
छुपा के रखना मोहब्बत को इस ज़माने से
कि आज साँस भी ले लूँ किसी बहाने से
किसी को पता ना चले बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
किसी को पता ना चले बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
बुरा हाल है दिल के ज़ज्बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
किसी को पता ना चले बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
ना दिल था ना दिल में ये अरमान थे
ना दिल था ना दिल में ये अरमान थे
ये लब मुस्कराहट से अनजान थे
जुदाई में हम तो परेशान थे
खुदा मेहरबान था ना इंसान थे
मगर आज क्या जिक्र आज सदमात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
किसी को पता ना चले बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
मोहब्बत अजी यूँ मचलने लगी
मोहब्बत अजी यूँ मचलने लगी
शमा जैसे महफिल में जलने लगी
छुरी मान लो दिल पे चलने लगी
कोई दिल की हसरत निकलने लगी
बदलने लगा रंग हालात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
किसी को पता ना चले बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
सजाओ ये रहे
बिछाओ निगाहें
ख़बर उनकी आई
नज़र मुस्कुरायी
दुआ है इशारा
मिलेगा सहारा
मोहब्बत की प्यासी
मिटेगी उदासी
मोहब्बत की प्यासी
मिटेगी उदासी
कि दीदार होगा
कि दीदार होगा
अजी प्यार होगा
बनेगा फ़साना किसी बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
किसी को पता ना चले बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
बुरा हाल है दिल के ज़ज्बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
किसी को पता ना चले बात का
के है आज वादा मुलाक़ात का
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Kisi ko pata na chale-Lutera 1965
Artist-Nishi
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