Jan 2, 2010

मेरे पिया गए रंगून-पतंगा १९४९

हिन्दी फिल्मों में टेलीफ़ोन वाला गीत शायद सबसे पहला यही है।
यूँ कहें की सबसे पहला लोकप्रिय टेलीफ़ोन गीत यही है। "मेरे पिया
गए रंगून" की तुकबंदी 'वहां से किया है टेलीफून' से की गई है। आगे क्या
हो रहा है जानने के लिए ये गीत सुनिए। गीत लिखा है राजेंद्र कृष्ण
ने और इसको गा रहे हैं स्वयं संगीतकार चितलकर रामचंद्र, साथ दे
रही हैं शमशाद बेगम। जिन कलाकारों पर ये फिल्माया गया है उनके
नाम हैं गोप और निगार सुल्ताना ।



इसका रीमिक्स भी उपलब्ध है जिसमे चील कौवों की आवाजें डाल
एक शोरगुल का सामान बनाया गया है जिसको कोई मोहतरमा
Chutney Smears (देसी Britney Spears) बन के गा रही हैं ।
We are going to Ibiza(Vengaboys) के बोलों से मिलते जुलते
बोल डाल के इसको मिक्स किया गया है । इसमें रीमिक्स के लिए
बेहद उपयोगी तकिया कलाम-come on का प्रयोग भी किया गया है।



गीत के बोल:

हेलो, हिंदुस्तान का देहरादून
हेलो, मैं रंगून से बात कर रहा हूँ,
मैं अपनी बीबी रेणुका देवी से बात करना चाहता हूँ

मेरे पिया
ओ मेरे पिया गए रंगून
वहां से किया है टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है,
जिया में आग लगाती है
मेरे पिया गए रंगून,
किया है वहां से टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है,
जिया में आग लगाती है

हम छोड़ के हिंदुस्तान बहुत पछताए
बहुत पछताए
हम छोड़ के हिंदुस्तान बहुत पछताए
बहुत पछताए
हुई भूल जो तुमको साथ न लेकर आये
हुई भूल जो तुमको साथ न लेकर आये
हम बर्मा की गलियों में और तुम हो देहरादून
तुम्हारी याद सताती है
तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है

मेरे पिया गए रंगून,
किया है वहां से टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है
तुम्हारी याद सताती है,
जिया में आग लगाती है

मेरी भूख प्यास भी
खो गयी ग़म के मारे
ग़म के मारे
मेरी भूख प्यास भी
खो गयी ग़म के मारे
ग़म के मारे
में अधमुई सी हो गई
ग़म के मारे
में अधमुई सी हो गई
ग़म के मारे
तुम बिन साजन, जनवरी फरवरी
बन गए मई और जून
तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है

मेरे पिया गए रंगून,
किया है वहां से टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है
तुम्हारी याद सताती है,
जिया में आग लगाती है

अजी तुमसे बिछड़ के हो गए हम सन्यासी
हम सन्यासी
अजी तुमसे बिछड़ के
तुमसे बिछड़ के हो गए हम सन्यासी
हम सन्यासी
खा लेते हैं जो मिल जाए
रुखी सुखी बासी
खा लेते हैं जो मिल जाए
रुखी सुखी बासी
अजी लुंगी बाँध के करें गुज़ारा
भूल गए पतलून
तुम्हारी याद सताती है
तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है

मेरे पिया गए रंगून,
किया है वहां से टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है
तुम्हारी याद सताती है,
जिया में आग लगाती है
...............................................................
Mere piya gaye rangoon-Patanga 1949

Artists: Gope, Nigar Sultana

1 comments:

Anonymous,  September 20, 2017 at 1:30 PM  

If youu are going foг beѕt conrents ⅼike me, only
visit tһiѕ web sire daily foг thе reason that it preѕents feature сontents, tһanks

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP