तुम्हे छेड़े हवा चंचल-सलामी १९९४
की धुन पर आधारित ये गीत कुमार सानु के गाये सबसे बढ़िया युगल गीतों
में शामिल है। १९९३ में कई मधुर गीत आये और हिन्दी फ़िल्म संगीत एक बार
फ़िर से मधुर युग की ओर चला। इस गीत का एक टुकड़ा आपको "दिल है
के मानता नहीं" के शीर्षक गीत की याद दिलाएगा। गीतकार हैं समीर और
धुन बनाई है नदीम-श्रवण ने। सलामी फ़िल्म मार्च १९९४ में रिलीज़ हुई थी।
इसमे अयूब खान नायक की भूमिका में हैं। इस गीत में उनके साथ संयुक्ता
नाम की अभिनेत्री हैं।
गीत के बोल:
तुम्हें छेड़े हवा चंचल
शरारत तुमसे सीखी है
वो बैठा फूल पे भँवरा
मुहब्बत तुमसे सीखी है
मेरे गुलफ़ाम सुन लो तुम, दीवाने दिल का कहना है
किया है फ़ैसला मैने, तुम्हारे बिन ना रहना है
तुम्हें छेड़े हवा चंचल
शरारत तुमसे सीखी है
वो बैठा फूल पे भँवरा
मुहब्बत तुमसे सीखी है
करे दीवानगी मौसम, सनम, तुम्हारी इन अदाओ से
गज़ब लगती हो तुम रब की, कसम
भरोसा हो ना जो मेरा, तो पूछो इन फ़िज़ाओं से
तुम्हें छेड़े हवा चंचल
शरारत तुमसे सीखी है
वो बैठा फूल पे भँवरा
मुहब्बत तुमसे सीखी है
बनाया आशियाँ मैने, सनम तुम्हारी ही निगाहों में
ना जाऊं दूर मैं तुमसे कभी
बिता दूँ उम्र मैं सारी, सनम तेरी ही बाहों में
तुम्हें छेड़े हवा चंचल
शरारत तुमसे सीखी है
वो बैठा फूल पे भँवरा
मुहब्बत तुमसे सीखी है
बनी है सुरमई देखो घटा, तेरी आँखों के काजल से
चुराती है जवाँ ख़ुशबू हवा
लिपट के मेरी जान-ए-मन, तेरे ही रेशमी आँचल से
तुम्हें छेड़े हवा चंचल
शरारत तुमसे सीखी है
वो बैठा फूल पे भँवरा
मुहब्बत तुमसे सीखी है
मेरे गुलफ़ाम सुन लो तुम, दीवाने दिल का कहना है
किया है फ़ैसला मैने, तुम्हारे बिन ना रहना है
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Tumhe chhede hawa chanchal-Salaami 1994
Artist: Ayub Khan
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