अगर आसमान तक मेरे हाथ-मेहरबान १९९३
ही आते हैं। ये एक ऐसा ही गीत है। सोनू निगम और अनुराधा पौडवाल
का गाया फ़िल्म मेहरबान का ये गीत मिथुन चक्रवर्ती और आयशा जुल्का
पर फिल्माया गया है।
संगीत है दिलीप सेन समीर सेन का। गीत लिखा है रानी मलिक ने।
मिथुन की फ़िल्में गाँव की जनता सबसे ज्यादा चाव से देखती है।
ये गीत सबसे पहले मैंने एक गाँव के विडियो थियेटर में ही देखा था।
उसी समय से मैं इस गाने का फैन बन गया था।
इस गीत की विशेष बात ये है कि युवा गायक सोनू ढलती उम्र के मिथुन
के लिए , और अधेड़ उम्र की गायिका अनुराधा पौडवाल, युवा नायिका
आएशा जुल्का के लिए गा रहे हैं।
उम्मीद है इसे पढ़ने वाले कॉपी कर के दूसरी जगह अंग्रेजी में चिपकाने
के पहले धन्यवाद के दो शब्द ज़रूर लिखेंगे इधर।
गीत के बोल:
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
तो क़दमों में तेरे सितारे बिछाते
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
तो क़दमों में तेरे सितारे बिछाते
कहीं दूर परियों की नगरी में चल कर
मोहब्बत का एक आशिआना बनाते
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
तो हम चांदनी से ये रहें सजाते
कहीं दूर परियों की नगरी में चल कर
मोहब्बत का एक आशिआना बनाते
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
तो क़दमों में तेरे सितारे बिछाते
यहाँ पर वहां पर बिखेरेंगे कलियाँ
महकती रहेंगी ये फूलों की गलियां
यहाँ पर वहां पर बिखेरेंगे कलियाँ
महकती रहेंगी ये फूलों की गलियां
ये झिलमिल करे रेशमी से नज़ारे
चलेंगे यहाँ धडकनों के इशारे
चलेंगे यहाँ धडकनों के इशारे
आ, आ, आ, आ, आ
तो किरणों का आंगन में पहरा बिठाते
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
यहाँ सिर्फ़ बरसे वफाओं के बादल
भिगो कर हमें तो ये कर देंगे पागल
यहाँ सिर्फ़ बरसे वफाओं के बादल
भीगो कर हमें तो ये कर देंगे पागल
यहाँ हम बहारों की चादर बिछाए
मोहब्बत की खुशबू यहाँ पर लुटायें
हा आ, आ, आ, आ
खुशियों के पंछी यहाँ हम उड़ाते
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
कहीं दूर परियों की नगरी में चल कर
मोहब्बत का एक आशिआना बनाते
अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
तो हम चांदनी से ये रहें सजाते
तो क़दमों में तेरे सितारे बिछाते
तो हम चांदनी से ये रहें सुजाते
तो क़दमों में तेरे सितारे बिछाते
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Agar aasman tak mere haath-Meherbaan 1993
Artists: Ayesha Zulka, Mithun Chakravorty
2 comments:
तो एरोप्लेन हो जाते
बेशक
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