Dec 11, 2009

जाते हो परदेस पिया-जीना तेरी गली में १९९१

इस गीत को सुनकर आज की पीढ़ी के बीच हो रहा वार्तालाप याद
आता है। "जाते ही मोबाइल मारना " ये फ़िर "जाते ही रिंग मारना"।

शायद गीतकार लिखना चाहता था-जाते हो परदेस पिया, पहुँचते ही
ख़त लिखना। बोल जब मीटर या किलोमीटर में नहीं बैठते तब ऐसे
गाने हमें मिलते हैं।

ये गीत थोड़ा मधुर है इसलिए अभी तक इसको सुनते आ रहे हैं। आवाजें
अनुराधा पौडवाल और नितिन मुकेश की हैं। फ़िल्म "जीना तेरी गली में"
के गीत बहुत चले थे और ये भी एक बहुत बजा हुआ गीत है इस फ़िल्म
का।

बोल रवीन्द्र रावल के हैं और संगीत बाबुल बोस का। इस फ़िल्म के
निर्देशक हैं अमिताभ बच्चन के मित्र टीनू आनंद जो कई फिल्मों में स्वयं
अभिनय भी कर चुके हैं।




गीत के बोल:

जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना
जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना
देखो तुम भी ख़त मेरा
देखो तुम भी ख़त मेरा, पाते ही ख़त लिखना

जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना

लिखना कैसे सफर कटा था, कैसे गुज़रे वो पल छीन
क्या महसूस किया था तुमने, सांझ ढली जब मेरे बिन
कब कब याद हमारी आयी, कैसे तुमने रात बिताई

जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना
जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना

अपनी जुदाई के इस पल से, पहले ख़त के आने तक
पल पल की तुम बातें लिखना, पूरा ख़त भर जाने तक
गुमसुम गुमसुम खोयी खोयी, तुम छुप छुप कर कितना रोई

जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना
जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना

देख नहीं पायेंगे तुमको ओझल होते ये नयना
लो मैं पलकें मूँद रही हूँ, तुम चल दो मेरे सजना
ये तो है इक तरफ़ा विदाई, इसमें प्यार की है रुसवाई

जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना
जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना

ओ, देखो तुम भी ख़त मेरा
देखो तुम भी ख़त मेरा, पाते ही ख़त लिखना

जाते हो परदेस पिया, जाते ही ख़त लिखना
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Jaate ho pardes piya-Jeena teri gali mein 1991

 Artists: Suraj, Kavita Kapoor

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