Dec 6, 2009

जब दिल ही टूट गया-शाहजहाँ १९४६

इस फ़िल्म के साथ दो चीज़ें पहली बार हुयीं। एक-मजरूह के लिखे
गीत सहगल ने पहली बार गाये, दूसरे नौशाद को मौका मिला सहगल से
गीत गवाने का। इसके बाद दोनों को कोई मौके नहीं मिले क्यूँ कि ये सहगल
की आखिरी फ़िल्म साबित हुई, घटनाक्रम कुछ ऐसा हुआ। ये गीत बहुत
लोकप्रिय हुआ ।



गाने के बोल:

जब दिल ही टूट गया, जब दिल ही टूट गया
हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे
जब दिल ही टूट गया, जब दिल ही टूट गया

उलफ़त का दिया हमने, इस दिल में जलाया था
उलफ़त का दिया हमने, इस दिल में जलाया था
उम्मीद के फूलों से, इस घर को सजाया था
उम्मीद के फूलों से, इस घर को सजाया था
इक भेदी लूट गया, इक भेदी लूट गया
हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे
जब दिल ही टूट गया

मालूम ना था इतनी, मुश्किल हैं मेरी राहें
मुश्किल हैं मेरी राहें
मालूम ना था इतनी, मुश्किल हैं मेरी राहें
मुश्किल हैं मेरी राहें
अरमां के बहे आँसू, हसरत ने भरीं आहें
अरमां के बहे आँसू, हसरत ने भरीं आहें
हर साथी छूट गया, हर साथी छूट गया
हम जी के क्या करेंगे, हम जी के क्या करेंगे
जब दिल ही टूट गया

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP