ले दे सैयां ओढ़नी-पवित्र पापी १९७०
फिर आया दूरदर्शन का चित्रहार युग जिसमे ये गीत कमसे कम १० बार
देख लिया । प्रेम धवन का लिखा और संगीतबद्ध किया ये गीत मस्ती
वाले गीतों की श्रेणी में आता है। गीत नियंत्रित गति और उछल कूद
वाला होने की वजह से इसको बार बार देखने का मन करता है। पंजाबी
और हिंदी के बोलों के मिश्रण की वजह से ये काफी हद तक हिंदी भाषी
के समझ में आ जाता है। गीत फिल्माया गया है मधुमती नाम की अभिनेत्री
पर, जिसे गा रहे हैं आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी। दर्शको की भीड़ में जो
जाने पहचाने कलाकार नज़र आते हैं वो हैं-परीक्षित सहनी और तनुजा।
रफ़ी पंजाबी मूल के होने की वजह से पंजाबी भाषा के गीत सहजता से
गाते थे।
जुगनिये, मोरनिये और हिरनिये के अलावा मुझे बाकी के बोल समझने
में सालों लग गए। बोलों में अगर कोई त्रुटि रह गई हो तो कोई
पंजाबी मित्र कृपया सहायता करें ।
गीत के बोल:
ओये
चका की चकधुम
ओये ओये
झनक झनक झुम
होए होए
होए होए होए
ओये .
ले दे सैयां ओढ़नी
ओ, ले दे सैयां ओढ़नी, पंजाबी तिल्लेदार ओये
ले दे सैंया ओढ़नी
फिर दिखलाऊं मोरनी की चाल मैं दिलदार ओये
ले दे सैंया ओढ़नी पंजाबी तिल्लेदार ओये
ले दे सैंया ओढ़नी
चलूँ लचक लचक के
आहे
ज़रा मटक मटक के
आहे
लट झटक झटक के
आहे, होए
चल टेडी मेडी
चल अड़ी टप्पा
चल पौड़ी पेरा
चल बल्ले शेरा
ओये बल्ले शेरा बल्ले शेरा
ओये
ओ मेरी जुगनिये
ओ मेरी हिरनिये
ओ मेरी मोरनिये
चाहे बिक जाए पगड़ी मेरी
चाहे बिक जाए हल
ओये, मैं क्या सोच के
चाहे बिक जाए पगड़ी मेरी
चाहे बिक जाए हल
ले दूंगा तू जो मांगे
इक बार ठुमक के चल
ज़रा लचक लचक के
आहे
ज़रा मटक मटक के
आहे
लट झटक झटक के
आहे, होए
मुकर ना जाना
मुकर ना जाना
तुझसे कुछ माँगा है पहली बार ओये
ले दे सैयां ओढनी पंजाबी तिल्लेदार ओये
ले दे सैंया ओढनी
चल हिरी मिरी
चल अड़ी टप्पा
चल पौड़ी पेरा
चल बल्ले शेरा
ओ बल्ले शेरा बल्ले शेरा होए
ओ मेरे मखणा
ओ मेरे सजणा
ओ मेरे बेलियाँ
ओढ़ चुनरिया निकलूंगी तो दिल जायेंगे काँप
मैं क्या सदके
ओढ़ चुनरिया निकलूंगी तो दिल जायेंगे काँप
जाने किस किस के सीने पे लोट जायेंगे सांप
चलूँ लचक लचक के
आहें
ज़रा मटक मटक के
आहें
लत झटक झटक के
आहे, हाय
इक चुनरी क्या
इक चुनरी क्या
चल ले दूं तुझको सारा बाज़ार, ओये
ले दे सैयां ओढ़नी, पंजाबी तिल्लेदार ओये
ले दे सैयां ओढ़नी
चल हेडी मेडी
चल अड़ी टप्पा
चल पौड़ी पेरा
चल बल्ले शेरा
ओये बल्ले शेरा बल्ले शेरा ओये
ओ मेरी जुगनिये
ओ मेरी हिरनिये
ओ मेरी मोरनिये
ये ले अपनी चुनरी और दे मेहंदी वाले हाथ
ये ले अपनी चुनरी और दे मेहंदी वाले हाथ
पकड़ा है जो हाथ निभाना जनम जनम का साथ
चलूँ लचक लचक के
आहे
ज़रा मटक मटक के
आहे
लट झटक झटक के
आहे, होए
हो गयी तेरी
हो गयी तेरी मैं जट्टी और तू मेरा सरदार ओये
ले दे सैयां
चका के चकधुम
छनक छनक झुम
चका के चकधुम
हो ओ
चका के चकधुम
छनक छनक छुम
होए ओये
होए होए होए होए होए
होए होए होए होए होए
चल हिरी मिरी हिरी मिरी हिरी हिरी
चल अड़ी टप्पा अड़ी टप्पा अड़ी टप्पा
चल पौड़ी पेरा पौड़ी पेरा पौड़ी पेरा
चल बल्ले शेरा ओये बल्ले शेरा बल्ले शेरा ओये
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Le de saiyan odhni-Pavitra paapi 1970
Artists: Madhumati, Parikshit Sahni, Tanuja
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