अब्बा कहें ना -पायल की झंकार १९६८
किशोर कुमार को यूँ ही संपूर्ण कलाकार नहीं कहा जाता था।
इस गीत को देख लीजिये और आपको उनकी प्रतिभा की गहराई
का अंदाज़ा हो जायेगा। इस फिल्म में उनके साथ एक पगली सी
दिखाई देने वाली अभिनेत्री है। यूँ कहिये फिल्म के नायक नायिका
एक दूसरे के पूरक से दिखाई पढ़ते हैं। ज्योति लक्ष्मण नाम की ये
अभिनेत्री ने जितना भी अभिनय किया है इस फिल्म में सराहनीय
है। इसे हम लीक से हट कर किया हुआ अभिनय कह सकते हैं। ये
फिल्म ज्यादा नहीं चली और शायद इसलिए ये अभिनेत्री भी बाद में
हिंदी फिल्मों में नहीं दिखाई दी। जो भी हो, ये मनोरंजक गीत है जिसे
सी रामचंद्र ने धुन से संवारा है। बोल लिखे हैं कमर जलालाबादी ने।
गीत के बोल:
अब्बा कहे ना, अम्मा कहे ना
दादा कहे ना
देखो वो समझे ना
तेरे मेरे अरमान
हम तो हैं जवान
हम तो हैं जवान
ओ मेरी जां
अब्बा कहे ना, अम्मा कहे ना
दादा कहे ना
देखो वो समझे ना
तेरे मेरे अरमान
हम तो हैं जवान
हम तो हैं जवान
ओ मेरी जां
सोचो ज़रा ये तो हैं दिन हमारे
अब रोकेगा कौन आँखों के इशारे
हंसने के ये दिन, मचलने के ये दिन
अब्बा अम्मा प्लीज़ प्लीज़
कह दो ज़रा हाँ
तेरे मेरे अरमान
हम तो हैं जवान
हम तो हैं जवान
ओ मेरी जां
अब्बा कहे ना, अम्मा कहे ना
दादा कहे ना
देखो वो समझे ना
तेरे मेरे अरमान
हम तो हैं जवान
हम तो हैं जवान
ओ मेरी जां
भूल जाओ ना तुम अपना वो ज़माना
वो राधा बहुत जब ये दिल का लगाना
करना मुआफ जो कहें हम साफ़ साफ़
बादल जाओ तुम भी के बदला ये जहाँ
तेरे मेरे अरमान
हम तो हैं जवान
हम तो हैं जवान
ओ मेरी जां
अब्बा कहे ना, अम्मा कहे ना
दादा कहे ना
देखो वो समझे ना
तेरे मेरे अरमान
हम तो हैं जवान
हम तो हैं जवान
ओ मेरी जां
अब्बा कहे ना, अम्मा कहे ना
दादा कहे ना
देखो वो समझे ना
तेरे मेरे अरमान
हम तो हैं जवान
हम तो हैं जवान
ओ मेरी जां
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