तुम्हें गीतों में...सावन को आने दो-शीर्षक गीत १९७९
मस्त तेज़ गति वाला गीत है ये और गीत में मोर का नाच भी
देखने को मिल जायेगा आपको ।
नायिका को गीतों में ढालने के लिए सावन कैटेलिस्ट का
काम करेगा. गीत के बोल अच्छे हैं और इसे गौहर कानपुरी
ने लिखा है. गौहर ने बप्पी के लिए भी काफ़ी अच्छे गीत
लिखे हैं.
फिल्म: सावन को आने दो
वर्ष: १९७९
गीतकार: गौहर कानपुरी
संगीतकार: राजकमल
गायक: जसपाल सिंह, कल्याणी मित्रा
कलाकार: अरुण गोविल, ज़रीना वहाब
गीत के बोल:
तुम्हे गीतों में ढालूंगा ,
आ, आ, आ, आ,हा
तुम्हे गीतों में ढालूंगा
तुम्हे गीतों में ढालूंगा
सावन को आने दो
सावन को आने दो
तुम्हे गीतों में ढालूंगा
तुम्हे गीतों में ढालूंगा
सावन को आने दो
सावन को आने दो
हो, ओ ओ ओ ओ हो, ओ ओ ओ ओ
हो, ओ ओ ओ ओ हो, ओ ओ ओ ओ
झूलों की होंगे घटायें
फूलों की होंगे बहारें
झूलों की होंगे घटायें
फूलों की होंगे बहारें
सरगम की लय पे भँवरे
कलियों का घूंघट उतारें
सपने जगा लूँगा
तुमको तुम्ही ही से मैं
एक दिन चुरा लूँगा
कब ?
सावन को आने दो
सावन को आने दो
देखो ये शान हमारी
हम हैं पवन के पुजारी
देखो ये शान हमारी
हम हैं पवन के पुजारी
धरती गगन के मिलन की
आरती हमने उतारी
अब मैं ना मानूंगा
इस दिल के दर्पण में
तुमको सजा लूँगा
कब ?
सावन को आने दो
सावन को आने दो
बादल से रस रंग बरसे
प्यासा मान कहे को तरसे
बादल से रस रंग बरसे
प्यासा मान कहे को तरसे
कहती है बरखा दीवानी
गोरी सिमट नहीं डर से
अपना बना लूँगा
दिल में बसा लूँगा
सीने से लगा लूँगा
कब ?
सावन को आने दो
सावन को आने दो
तुम्हे गीतों में ढालूंगा
तुम्हे गीतों में ढालूंगा
सावन को आने दो
सावन को आने दो
सावन को आने दो
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Sawan ko aane do-Title song-1979
Artists: Arun Govil, Zarina Wahab
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