दिल दिया है जान भी देंगे-कर्मा १९८६
भांति क्यूँ कि वे भी भव्य कैनवास प्रस्तुत करते हैं दर्शकों के सम्मुख।
फिल्म करमा उनकी महत्वकांक्षी फिल्म थी जिसमे बड़े बड़े सितारे
मौजूद थे। दिलीप कुमार, नूतन के साथ तीन हीरो और तीन हीरोइनों
के अलावा उस समय का एक उभरता हुआ सितारा खलनायक के रूप
में-अनुपम खेर। सुभाष घई ने फिल्म विधाता(१९८२) की सफलता के
बाद दिलीप कुमार को पुनः लिया अपनी फिल्म के लिए । आइये इस
फिल्म का सबसे चर्चित गीत सुना जाये ।देश भक्ति गीतों में शामिल
हो चुका ये गीत आपने अक्सर आपने चुनाव के समय और छब्बीस
जनवरी, पन्द्रह अगस्त के दिन सुना होगा.
फिल्म: कर्मा
वर्ष: १९८६
गीतकार: आनंद बक्षी
संगीतकार: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गायक: मोहम्मद अज़ीज़, कविता कृष्णमूर्ति
कलाकार: नूतन, दिलीप कुमार
गीत के बोल:
मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे
हर करम अपना करेंगे
ए वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे
ए वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे
ए वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे
ए वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे
ए वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे
ए वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे
ए वतन तेरे लिए
तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है
ए वतन महबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है
हम जियेंगे या मरेंगे ए वतन तेरे लिए
दिल दिया हैं जान भी देंगे
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है
हम जियेंगे और मरेंगे
ए वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे
ए वतन तेरे लिए
तेरी गलियों में चलाकर नफरतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ
लुट रहा है आप वो अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियाँ
हम जियेंगे और मरेंगे
ए वतन तेरे लिए
दिल दिया है जान भी देंगे
ए वतन तेरे लिए
ए वतन तेरे लिए
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Dil diya hai jaan bhi denge-Karma 1986
Artists: Dilip Kumar, Nutan
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